कलकत्ता हाईकोर्ट ने आदेश की कॉपी के बिना अपील स्वीकार करने के लिए विभाग को धमकाने वाले वकील के जूनियरों की खिंचाई की

Update: 2024-11-13 09:22 GMT

कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को एक वकील और उसके जूनियर को एकल न्यायाधीश के आदेश के विरुद्ध अपील दायर करने के लिए फटकार लगाई, जिसमें चुनौती दिए गए आदेश की सर्वर या प्रमाणित कॉपी नहीं थी।

जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने पहले भी आदेश की प्रमाणित कॉपी के बिना अपील दायर करने की अनुमति दी थी।

इस अवसर पर जब अपील सुनवाई के लिए आई तो अपीलकर्ता बिलवादल भट्टाचार्य के वकील ने विवादित आदेश की सर्वर कॉपी प्रस्तुत करने की अनुमति मांगी।

इस दलील पर आपत्ति जताते हुए जस्टिस भट्टाचार्य ने बताया कि अपील दायर करने की अनुमति आदेश की प्रमाणित कॉपी के बिना दी गई थी और सर्वर कॉपी के बिना भी नहीं।

उन्होंने सवाल किया कि विवादित आदेश की किसी भी कॉपी के बिना अपील कैसे दायर की जा सकती है।

चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम ने यह भी टिप्पणी की कि ऐसा प्रतीत होता है कि वकील के जूनियर ने विभाग को यह वचन देकर उनकी अपील स्वीकार करने के लिए धमकाया कि सुनवाई के समय सर्वर कॉपी पेश की जाएगी।

उन्होंने विभाग को यह वचन देकर धमकाया कि सुनवाई के समय आदेश पेश किया जाएगा।

चीफ जस्टिस ने मौखिक रूप से टिप्पणी की यह हमारा आदेश नहीं था। यह बहुत गलत है सर। विभाग वकीलों के लिए काम करता है, वह हाईकोर्ट का अंग हैं। यदि आप उन्हें धमकाएंगे तो वह क्या करेंगे? आज अपील पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए पीठ ने विभाग में आदेश की सर्वर कॉपी दाखिल होने के बाद मामले को अगले सप्ताह सूचीबद्ध किया।

केस टाइटल: सरबंती सिन्हा रॉय और अन्य बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य

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