कलकत्ता हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: पति की आत्महत्या मामले में पत्नी को अग्रिम ज़मानत

Update: 2025-09-01 06:39 GMT

कलकत्ता हाईकोर्ट ने उस महिला को अग्रिम ज़मानत दी, जिस पर अपने अलग रह रहे पति की आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया। यह आरोप पति की मां ने लगाया, जब उनके बेटे ने पत्नी के वैवाहिक घर न लौटने पर फांसी लगाकर जान दे दी थी।

जस्टिस जय सेनगुप्ता ने आदेश देते हुए कहा,

“अंततः यह अदालत पर निर्भर करेगा कि इस मामले में आत्महत्या के लिए उकसावे का कोई तत्व है या नहीं। लेकिन केस डायरी में उपलब्ध सामग्री और याचिकाकर्ता पर लगाए गए कथित आरोपों को देखते हुए मुझे नहीं लगता कि इस मामले में हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है। इसलिए याचिकाकर्ता को अग्रिम ज़मानत दी जाती है।”

याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि पत्नी और पति 2022 से अलग रह रहे थे। पति कई बार धमकी दे चुका था कि अगर पत्नी वैवाहिक घर नहीं लौटी तो वह आत्महत्या कर लेगा। पत्नी ने इस बाबत स्थानीय प्रशासन को भी सूचना दी थी।

हालांकि, पति की आत्महत्या के बाद उसकी मां ने बहू के खिलाफ़ FIR दर्ज कराई। उस FIR की कॉपी आरोपी पत्नी के कार्यस्थल बहुराष्ट्रीय कंपनी में भी भेजी, जिससे उसकी नौकरी निलंबित हो गई।

याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि पति की मृत्यु के बाद FIR दर्ज करने में देरी हुई, जो मामले पर गंभीर सवाल उठाती है।

सभी परिस्थितियों पर विचार करने के बाद हाईकोर्ट ने मामले के गुण-दोष में गए बिना ही अग्रिम ज़मानत मंज़ूर कर ली।

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