बॉम्बे हाईकोर्ट ने इंद्राणी मुखर्जी को विदेश यात्रा की अनुमति देने से किया इनकार, CBI की याचिका स्वीकार की

Update: 2024-09-27 08:25 GMT

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को स्पेन और यूनाइटेड किंगडम (UK) की यात्रा करने की अनुमति देने से इनकार किया।

सिंगल जज जस्टिस श्याम चांडक ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दायर याचिका पर फैसला सुनाया, जिसमें स्पेशल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी।

उक्त मामले में इंद्राणी को संपत्ति कर का भुगतान करने अपने बैंक खातों को अपडेट करने और अपनी वसीयत को अपडेट करने (अपने पूर्व पति पीटर मुखर्जी का नाम रिकॉर्ड से हटाने) के लिए विदेश यात्रा करने की अनुमति दी गई थी।

जज ने फैसला सुनाते हुए कहा,

“CBI की याचिका स्वीकार की जाती है। अगर इंद्राणी भारत से काम करना चाहती है तो वैधानिक अधिकारी कानून के अनुसार उसका समर्थन करेंगे। उसे विदेश यात्रा की अनुमति देने के लिए कोई उचित आधार नहीं बनाया गया। मैंने मामले की योग्यता या फरार होने की संभावना आदि के तर्क पर कोई टिप्पणी नहीं की।"

अपनी याचिका में CBI ने तर्क दिया कि इंद्राणी जिन कामों के लिए दोनों देशों की यात्रा करना चाहती है। उन्हें पावर ऑफ अटॉर्नी नियुक्त करके या भारत से वर्चुअली किया जा सकता है। CBI ने यह भी तर्क दिया कि इंद्राणी कुछ आर्थिक अपराधों में अन्य हाई प्रोफाइल आरोपियों की तरह भारत वापस नहीं आ सकती है।

CBI ने स्पेन और यूनाइटेड किंगडम दोनों में भारतीय दूतावासों के जवाब पर भी काफी भरोसा किया, जिसमें विशेष रूप से कहा गया कि जिस काम के लिए इंद्राणी यात्रा करना चाहती है। उसके लिए उसकी वहां शारीरिक उपस्थिति की आवश्यकता नहीं है। यह पावर ऑफ अटॉर्नी या वर्चुअली के माध्यम से किया जा सकता है।

दूसरी ओर इंद्राणी ने तर्क दिया कि वह ब्रिटेन की नागरिक है। इसलिए उसे देश में आने से नहीं रोका जा सकता। उन्होने यह भी तर्क दिया कि उसके भागने का खतरा नहीं है, क्योंकि रिहाई के बाद उसका पासपोर्ट दो बार उसके पास था। अगर वह भागना चाहती तो बिना किसी को बताए भारत छोड़ सकती थी।

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