बेकरी में चारकोल के इस्तेमाल पर व्यापारियों के प्रतिनिधित्व को कारण बताओ नोटिस जारी करने से पहले सुने: बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) को निर्देश दिया ह कि वह चारकोल मर्चेंट एसोसिएशन को विभिन्न बेकरी को चारकोल के इस्तेमाल के लिए जारी किए जा रहे कारण बताओ नोटिस के संबंध में सुनवाई का अवसर दे।
चीफ जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस एम.एस. कार्णिक की खंडपीठ ने MPCB को बेकरी में चारकोल के इस्तेमाल के खिलाफ कोई भी कारण बताओ नोटिस जारी करने से पहले एसोसिएशन को सुनने को कहा।
बॉम्बे चारकोल मर्चेंट एसोसिएशन ने मुंबई और मुंबई महानगर क्षेत्र में प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर एक स्वतः संज्ञान जनहित याचिका के संबंध में हस्तक्षेप आवेदन दायर किया।
न्यायालय ने 2023 में इसी मुद्दे पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुंबई में खराब वायु गुणवत्ता का स्वतः से संज्ञान लिया था।
9 जनवरी 2025 को हाईकोर्ट ने बेकरी, भट्टी, होटल और रेस्टोरेंट को आदेश के 6 महीने के भीतर कोयला और लकड़ी का इस्तेमाल बंद करने का निर्देश दिया था।
उन्होंने बेकरी इकाइयों को CNG गैस या हरित ईंधन में बदलने का निर्देश दिया था और MPCB और MCGM जैसे संबंधित अधिकारियों को उचित निर्देश जारी करने को कहा था। यह भी निर्देश दिया गया कि कोयला या लकड़ी का उपयोग करके बेकरी खोलने की अनुमति के लिए कोई नया लाइसेंस नहीं दिया जाना चाहिए।
आज सुनवाई के दौरान मर्चेंट एसोसिएशन के वकील ने कहा कि MPCB विभिन्न बेकरी को चारकोल के इस्तेमाल के खिलाफ नोटिस जारी कर रहा है।
उन्होंने तर्क दिया कि कोयला और चारकोल अलग-अलग हैं और चारकोल प्रदूषणकारी उद्योग नहीं है। उन्होंने कहा कि चारकोल उद्योगों की लाल श्रेणी में नहीं आता है, बल्कि हरित श्रेणी में आता है।
MPCB के वकील ने कहा कि वह केवल कोयला इस्तेमाल करने वाली बेकरी को नोटिस जारी कर रहा है। हालांकि, एसोसिएशन के वकील ने तर्क दिया कि कोयला और चारकोल के बीच गलत धारणा के कारण, चारकोल का उपयोग करने वाली बेकरी को भी नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
इसके बाद न्यायालय ने टिप्पणी की कि MPCB को इस मामले की सुनवाई करनी चाहिए, यह देखते हुए कि ऐसे पहलुओं पर विशेषज्ञ निकाय द्वारा निर्णय लिया जाना चाहिए।
जवाब में MPCB ने कहा कि वह मामले की सुनवाई करेगा, इस मुद्दे पर निष्कर्ष पर पहुंचेगा और निर्णय न्यायालय के समक्ष रखेगा।
इस प्रकार न्यायालय ने MPCB से कहा कि वह 2 सप्ताह के भीतर एसोसिएशन/हस्तक्षेपकर्ताओं के प्रतिनिधित्व को सुने और फिर यह तय करे कि चारकोल प्रदूषण का कारण बनता है या नहीं।
केस टाइटल: द बॉबम्बे चारकोल मर्चेंट्स एसोसिएशन लिमिटेड बनाम बॉम्बे उच्च न्यायालय अपने स्वयं के प्रस्ताव पर और अन्य (आईए/4114/2025)