महंत रामगिरी महाराज की पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी के अधिकांश वीडियो हटाए गए: महाराष्ट्र पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया

Update: 2024-09-20 07:06 GMT

बॉम्बे हाईकोर्ट को गुरुवार को सूचित किया गया कि सिन्नर पुलिस और महाराष्ट्र पुलिस के साइबर सेल ने विवादास्पद स्वयंभू संत महंत रामगिरी महाराज के सभी लिंक और वीडियो हटा दिए, जिसमें उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां की और मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई।

जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ को बताया गया कि पीठ के पहले के आदेश के अनुसार पुलिस ने सभी वीडियो और लिंक हटा दिए हैं, जिनका उल्लेख शिकायतकर्ताओं ने रामगिरी महाराज के खिलाफ दर्ज 58 एफआईआर में किया था।

अदालत में वर्चुअली पेश हुए सिन्नर पुलिस के जांच अधिकारी (IO) ने कहा कि आपत्तिजनक टिप्पणी वाले कई ऐसे वीडियो या लिंक अभी भी सोशल मीडिया वेबसाइटों पर उपलब्ध हैं।

अधिकारी ने न्यायाधीशों को आश्वासन दिया,

"जब भी शिकायतकर्ता ऐसे किसी लिंक या वीडियो को चिह्नित करेंगे हम उन्हें भी हटाने के लिए कदम उठाएंगे।"

आईओ ने पीठ को आगे बताया कि मामले में आरोपी रामगिरी महाराज को नोटिस जारी किया गया। उन्होंने पुलिस को आश्वासन दिया है कि जब भी आवश्यकता होगी वे जांच में सहयोग करेंगे।

पीठ ने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की चिंता व्यक्त की, जो विभिन्न साइटों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक वीडियो प्रसारित कर रहे हैं।

पीठ ने कहा,

"उन लोगों के बारे में क्या, जो उन वीडियो को प्रसारित कर रहे हैं? आपको उनके खिलाफ भी कार्रवाई करनी होगी।"

जिस पर अधिकारी ने आश्वासन दिया कि उचित कदम उठाए जाएंगे।

अधिकारी की दलीलों को रिकॉर्ड पर लेते हुए न्यायाधीशों ने कहा,

"हम उम्मीद करते हैं कि सिन्नर पुलिस और साइबर सेल आपत्तिजनक सामग्री को हटाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में अलग-अलग हलफनामे दाखिल करेंगे। हलफनामे में विचाराधीन वीडियो को हटाने के लिए प्राप्त अनुरोधों की संख्या और प्रत्येक ऐसे अनुरोध पर की गई कार्रवाई भी शामिल होनी चाहिए।"

पीठ रामगिरी महाराज के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिन्होंने सिन्नर जिले में एक कार्यक्रम में पैगंबर मोहम्मद और छह साल की बच्ची के साथ उनके कथित संबंधों के बारे में कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं।

याचिकाओं में इस तथ्य को उजागर किया गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो के वायरल होने के तुरंत बाद, पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन हुए हैं।

याचिकाओं में वीडियो के कारण अशांति की संभावनाओं और विवादास्पद धर्मगुरु के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने पर कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा होने की संभावनाओं पर भी चिंता व्यक्त की गई।

पीठ ने पुलिस टीम को मामले में हलफनामा दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया।

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