बॉम्बे हाईकोर्ट ने एंटीलिया बम कांड मामले में बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे को रिहा करने से किया इनकार

Update: 2025-03-06 06:09 GMT

एंटीलिया बम कांड मामले में बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की रिहाई का आदेश देने से बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की हेबस कॉर्पस याचिका खारिज कर दी।

वाजे ने एंटीलिया बम कांड मामले में अपनी रिहाई की मांग करते हुए आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी अवैध थी।

जस्टिस सारंग कोतवाल और जस्टिस श्रीराम मोदक की खंडपीठ ने यह आदेश सुनाया।

गौरतलब है कि वाजे को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 13 मार्च, 2021 को उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित आवास एंटीलिया के पास विस्फोटक से लदी गाड़ी रखने के आरोप में गिरफ्तार किया। उन पर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए UAPA की धारा 16 और 18 के तहत आरोप लगाए गए। वाजे ने 24 अप्रैल, 2024 को अपनी कथित अवैध हिरासत के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण राहत की मांग करते हुए याचिका दायर की।

उन्होंने अपनी गिरफ्तारी के बाद से अपने मौलिक अधिकारों के घोर उल्लंघन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनके मामले की सुनवाई 1400 दिनों से अधिक समय से शुरू नहीं हुई।

अपनी याचिका में वाजे ने बताया कि उनके मामले में धारा 309(2) के अनुसार हिरासत में रिमांड के लिए स्थापित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि एक गलत पीठासीन अधिकारी/प्राधिकरण ने उन्हें हिरासत में रिमांड पर लिया जिससे उनकी हिरासत अवैध हो गई।

इसके अलावा वाजे ने आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी धारा 45(2) CrPC का उल्लंघन है।

प्रावधान में प्रावधान है कि राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों के किसी वर्ग या श्रेणी के सदस्य को केंद्र सरकार की सहमति प्राप्त किए बिना उनके आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में किए गए या किए जाने का दावा किए गए किसी भी कार्य के लिए गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।

याचिका में यह भी कहा गया कि आरोप पत्र दाखिल करने के लगभग 3 दिनों की अवधि के लिए उनकी हिरासत को अधिकृत करने वाला कोई वैध आदेश नहीं था। यह कहा गया कि स्पेशल कोर्ट द्वारा अपराध का संज्ञान उसके समक्ष संपूर्ण रिकॉर्ड की अनुपस्थिति में यांत्रिक तरीके से लिया गया था।

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