बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुबह 11 बजे के बाद दाखिल किए गए उम्मीदवारों के नामांकन पत्र खारिज करने के फैसले पर सवाल उठाए

Update: 2024-11-04 09:25 GMT

बॉम्बे हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग के उस फैसले पर सवाल उठाए, जिसमें उसने राज्य भर के उम्मीदवारों के नामांकन पत्र सुबह 11 बजे के बाद दाखिल करने पर उन्हें खारिज किया था। हाईकोर्ट ने सोमवार को भारतीय चुनाव आयोग (ECI) से जानना चाहा कि उसने किस आधार पर महाराष्ट्र भर के विभिन्न उम्मीदवारों के नामांकन खारिज किए, जिन्होंने आगामी राज्य विधानसभा चुनावों के लिए 30 अक्टूबर को सुबह 11 बजे के बाद अपने नामांकन पत्र दाखिल किए।

जस्टिस आरिफ डॉक्टर और जस्टिस सोमशेखर सुंदरसन की अवकाश पीठ ने चुनाव आयोग को राज्य भर के उन उम्मीदवारों की सूची पेश करने का भी आदेश दिया, जिनके नामांकन पत्र सुबह 11 बजे के बाद दाखिल करने पर खारिज कर दिए गए। गौरतलब है कि 30 अक्टूबर नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख थी। वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) कक उम्मीदवार ने बांद्रा पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से अपने नामांकन पत्र को रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) द्वारा इस आधार पर खारिज किए जाने के बाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था कि वे सुबह 11 बजे के बाद दाखिल किए गए थे।

उम्मीदवार ने तर्क दिया कि चुनाव आयोग केवल इसलिए नामांकन पत्र खारिज नहीं कर सकता, क्योंकि वह सुबह 11 बजे के बाद दाखिल किए गए थे। उम्मीदवार ने तर्क दिया कि नामांकन पत्र कार्य समय अवधि के भीतर स्वीकार किए जाने चाहिए। 11 बजे की समय सीमा तय करने का कोई आधार नहीं है।

अपने बचाव में ECI ने एडवोकेट अक्षय शिंदे के माध्यम से बताया कि चुनाव आयुक्त द्वारा सुबह 11 बजे से नामांकन पत्रों की जांच शुरू करने का स्थायी आदेश था। इस प्रकार, उसने उक्त समय-सीमा के बाद दाखिल किए गए पत्रों को खारिज कर दिया।

मामले की सुनवाई करते हुए पीठ ने सुबह 11 बजे के बाद दाखिल किए गए हर नामांकन खारिज करने के ECI के फैसले पर सवाल उठाया।

जजों ने कहा,

"हम जानना चाहते हैं कि आपको सुबह 11 बजे की समय सीमा कैसे मिली? समय सीमा 12 या 1 बजे जैसी क्यों नहीं हो सकती? कार्य समय 11 बजे से शुरू होता है तो उस समय सीमा को क्यों रखा जाए?"

शिंदे ने आगे स्पष्ट किया कि पीठ के समक्ष याचिकाकर्ता ने "आपराधिक पृष्ठभूमि" और "वित्तीय विवरण" जैसी अपेक्षित जानकारी नहीं भरी थी।

पीठ ने बताया कि यदि ऐसे भौतिक पहलुओं को नहीं भरा जाता है तो इसे बिल्कुल भी दाखिल नहीं किया गया माना जा सकता।

जजों ने शिंदे से कहा,

"हम वह निष्कर्ष भी देंगे। लेकिन उससे पहले हमें यह जानना होगा कि यह सुबह 11 बजे ही क्यों? यह 12 या 1 बजे क्यों नहीं हो सकता? काम के घंटे की शुरुआत क्यों? पूरे दिन काम के घंटे क्यों नहीं? कल ही हलफनामा दाखिल करें।"

इस बीच, अन्य उम्मीदवार, जिसका नामांकन पत्र भिवंडी निर्वाचन क्षेत्र ने इसी आधार पर खारिज कर दिया था, ने जजों के समक्ष अपना मामला रखा। उन्होंने कहा कि वे मंगलवार को बांद्रा के साथ इस मामले की भी सुनवाई करेंगे।

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