स्कूलों के बाहर ड्रग्स, सिगरेट और ई-सिगरेट की बिक्री पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया

Update: 2025-06-25 07:11 GMT

बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने हाल ही में शहर में स्कूलों और कॉलेजों के पास ड्रग्स, सिगरेट और यहां तक ​​कि ई-सिगरेट की अवैध बिक्री पर स्वतः संज्ञान लिया।

जस्टिस रवींद्र घुगे और यशवराज खोबरागड़े की खंडपीठ मराठी दैनिक दैनिक सकाल के 14 जून और 16 जून के संस्करणों में प्रकाशित समाचारों पर ध्यान देने के लिए परेशान थी।

जजों ने कहा कि समाचारों में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि कुछ कानून अपराधी हैं, जो प्रतिबंधित वस्तुओं, जिन्हें ड्रग्स और सिगरेट के साथ-साथ ई-सिगरेट के रूप में वर्णित किया जाता है, उसको बेचने का व्यवसाय चला रहे हैं और स्कूलों और कॉलेजों को निशाना बना रहे हैं।

जजों ने कहा,

"कम उम्र के युवा छात्र ऐसी दवाओं और सिगरेटों के सेवन में बहक जाते हैं, जिससे उनकी लत और शारीरिक विनाश की राह खुल जाती है। दैनिक सकाल के उक्त संस्करणों में प्रकाशित विभिन्न समाचारों में बहुत सारी जानकारी है।"

ऐसी दवाओं की बिक्री और उपयोग की उक्त रिपोर्टिंग को देखते हुए जजों ने समाचारों का संज्ञान लेना उचित समझा।

जजों ने आदेश दिया,

"हम इस न्यायालय के रजिस्ट्रार (न्यायिक) को स्वतःसंज्ञान से जनहित याचिका दर्ज करने का निर्देश देते हैं। दैनिक सकाल के 14 जून, 2025 और 16 जून, 2025 के इन दोनों संस्करणों की कॉपी रिकॉर्ड में रखी जाएंगी।"

सीनियर एडवोकेट पीआर कटनेश्वरकर को एमिक्स क्यूरी नियुक्त किया गया, जिन्होंने जल्द से जल्द औपचारिक जनहित याचिका दायर करने पर सहमति व्यक्त की।

जजों ने कहा,

"हम दैनिक सकाल के प्रेस रिपोर्टरों के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त करते हैं, जिन्होंने इस मुद्दे को उठाया। हम इस बात की भी सराहना करेंगे कि इस शहर का पुलिस विभाग की सच्ची भावना से काम करे और यह सुनिश्चित करे कि नागरिकों को ऐसी गतिविधियों से बचाया जाए।"

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