दो अफ़गानी महिलाओं ने बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस सुरक्षा की मांग की, उनमें से एक हरियाणवी युवक के साथ विवाहित

Update: 2025-01-09 06:15 GMT

दो अफ़गानिस्तानी महिलाओं ने बॉम्‍बे हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर कर अपने लिए पुलिस सुरक्षा की मांग की है। साथ ही, उन्होंने दिल्ली में अधिकारियों को उनके खिलाफ उनके परिवार के सदस्यों के कहने पर दर्ज एक आपराधिक मामले को बंद करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है।

जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस डॉ नीला गोखले की खंडपीठ ने हालांकि पाया कि मुंबई पुलिस पिछले साल जून से ही उन्हें सुरक्षा प्रदान कर रही है, जब से दोनों बहनों ने अपने एक पति के साथ मुंबई के पुलिस आयुक्त को एक पत्र लिखा था।

न्यायाधीशों ने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि दोनों बहनें शरणार्थी के रूप में भारत में आई थीं, क्योंकि उनके पास 2017 से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) द्वारा जारी 'शरणार्थी पहचान पत्र' भी हैं।

दोनों बहनों में से एक ने हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार हरियाणा के एक व्यक्ति से शादी की। हालांकि, यह उनके परिवार को पसंद नहीं आया, जो शरणार्थी के रूप में भारत में रह रहे हैं। इसलिए, लड़कियों ने हिंदू लड़के के साथ मिलकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पुलिस सुरक्षा की मांग की और उन्हें सुरक्षा प्रदान की गई।

हालांकि, अप्रैल 2024 में जब पति को कैंसर का पता चला तो वे मुंबई चले गए और इसी के साथ उनके परिवार की धमकियां भी बढ़ने लगीं। उनके परिवार के सदस्यों ने दिल्ली में दोनों बहनों के खिलाफ कुछ आपराधिक मामले भी दर्ज कराए। इस पर लड़कियों ने मुंबई के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की। शहर की पुलिस ने खतरे की आशंका की जांच करने के बाद उन्हें अपेक्षित सुरक्षा प्रदान की। लेकिन तब तक वे दिल्ली के अधिकारियों, खासकर निजामुद्दीन पुलिस स्टेशन को उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को बंद करने के निर्देश देने की मांग करते हुए हाईकोर्ट पहुंच चुकी थीं।

पीठ ने तीन जनवरी को पारित अपने आदेश में दर्ज किया,

"याचिकाकर्ताओं के वकील ने हमें बताया कि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश के अनुसार चंडीगढ़ की पुलिस ने याचिकाकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान की है। हमें यह भी बताया गया है कि वर्तमान में मुंबई पुलिस ने भी याचिकाकर्ताओं को पुलिस सुरक्षा प्रदान की है और यह तब तक जारी रहेगी जब तक कि उक्त खतरा बना रहता है।"

दिल्ली पुलिस को निर्देश देने की प्रार्थना के संबंध में न्यायाधीशों ने कहा, "याचिकाकर्ता इसके लिए उचित कदम उठा सकते हैं।" पीठ ने अब मामले की अगली सुनवाई 28 जनवरी को तय की है।

केस टाइटलः एबीसी बनाम महाराष्ट्र राज्य (क्रिमिनल रिट पीटिशन (स्टाम्प) 26533/2024)

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