UP Police Exam Paper Leak | 'उसके पास से कोई आपत्तिजनक वस्तु बरामद नहीं हुई': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी को जमानत दी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मोनू शर्मा उर्फ मोनू पंडित को जमानत दी। मोनू शर्मा को इस वर्ष की शुरुआत में पुलिस कांस्टेबल परीक्षा में हेराफेरी करने और प्रश्नपत्र लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
जस्टिस समीर जैन की पीठ ने उसे राहत देते हुए कहा कि उसके पास से कोई आपत्तिजनक वस्तु बरामद नहीं हुई और सह-आरोपी (मोनू कुमार और रजनीश रंजन), जिन्हें आवेदक के साथ पकड़ा गया, उनको हाईकोर्ट द्वारा पहले ही जमानत पर रिहा कर दिया गया।
यद्यपि एकल न्यायाधीश ने आवेदक के चार अन्य मामलों से जुड़े आपराधिक इतिहास पर विचार किया, लेकिन उसने पाया कि उसे उन सभी मामलों में जमानत दी गई, सभी कथित अपराधों पर प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचार किया जा सकता है। आवेदक 5 अप्रैल, 2024 से जेल में है। इस प्रकार, उसे जमानत पर रिहा किए जाने का हकदार पाया गया।
आवेदक पंडित पर उत्तर प्रदेश कांस्टेबल भर्ती एवं प्रोन्नति परीक्षा (17 और 18 फरवरी 2024 को होने वाली) का प्रश्नपत्र परीक्षा आयोजित होने से पहले ही लीक करने के आरोप में धारा 420, 467, 468, 471 और 34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों ने आरोप लगाया कि प्रश्नपत्र 50,000 रुपये से 2 लाख रुपये के बीच की कीमत पर उपलब्ध था। यह भी आरोप लगाया गया कि कई उम्मीदवारों ने परीक्षा शुरू होने से 8-12 घंटे पहले ही प्रश्नपत्र प्राप्त कर लिया।
दिसंबर, 2023 में उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस कांस्टेबल पदों के लिए 60,244 रिक्तियों की घोषणा की, जो राज्य पुलिस बल में प्रवेश स्तर की भूमिकाएं हैं।
लिखित परीक्षा में शामिल होने के लिए 48 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने फॉर्म भरा, जो राज्य के 75 जिलों में 2300 से अधिक केंद्रों पर हुई। पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं के आरोपों के कारण परीक्षा ने काफी ध्यान आकर्षित किया। परिणामस्वरूप, उत्तर प्रदेश सरकार ने इन आरोपों के जवाब में परीक्षा रद्द की।
केस टाइटल- मोनू शर्मा @ मोनू पंडित बनाम उत्तर प्रदेश राज्य 2024 लाइव लॉ (एबी) 409