इलाहाबाद हाईकोर्ट में लखीमपुर खीरी जिले में पोस्टमार्टम गृह के संचालन की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर

Update: 2024-06-03 05:32 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। उक्त याचिका में लखीमपुर खीरी जिले के निघासन में पहले से निर्मित पोस्टमार्टम गृह के संचालन की मांग की गई।

हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के वकील सैयद मोहम्मद हैदर रिजवी ने लखीमपुर खीरी जिले के विभिन्न गांवों में अप्राकृतिक मौतों की संख्या को उजागर करते हुए जनहित याचिका दायर की। याचिका में समय पर पोस्टमार्टम किए जाने के महत्व पर प्रकाश डाला गया।

जनहित याचिका में कहा गया कि लखीमपुर खीरी जिले में केवल एक ही क्रियाशील पोस्टमार्टम गृह है। याचिकाकर्ता ने कहा कि लखीमपुर खीरी जिला उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है, इसलिए समय पर पोस्टमार्टम और शव परीक्षण के लिए एक से अधिक पोस्टमार्टम गृह की आवश्यकता है।

कहा गया कि हालांकि पोस्टमार्टम गृह को 1993 में मंजूरी दी गई थी, लेकिन इसका निर्माण 2013 में हुआ और फिर भी नागरिकों के लिए कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि यह क्रियाशील नहीं है। इसके अलावा, याचिका में मृतकों के शवों को ले जाने के लिए शव वाहन और एंबुलेंस की कमी को उजागर किया गया, क्योंकि इससे जिले में खराब मौसम की वजह से शवों की दुर्गति होती है।

यह प्रस्तुत किया गया कि मेडिकल एवं स्वास्थ्य विभाग को विभिन्न अभ्यावेदन के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। विभाग की ओर से कोई कार्रवाई न किए जाने के कारण याचिकाकर्ता ने अपने असाधारण क्षेत्राधिकार के तहत उच्च न्यायालय का रुख किया।

जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने कहा कि हालांकि शव वाहन अब उपलब्ध हैं, लेकिन राज्य के वकील उपलब्ध वाहनों की संख्या नहीं बता सके।

न्यायालय ने मुख्य मेडिकल अधिकारी, लखीमपुर खीरी को यह पता लगाने का निर्देश दिया कि ऐसे कितने वाहन उपलब्ध हैं और क्या वे चालू हैं और उनकी स्थिति क्या है। इस संबंध में एक जवाबी हलफनामा दायर करें।

केस टाइटल: सैयद मोहम्मद हैदर रिजवी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य इसके प्रधान सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग लखनऊ और 5 अन्य [जनहित याचिका (पीआईएल) नंबर- 475/2024]

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