इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भगवान शिव की मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने के आरोपी व्यक्ति को जमानत देने से किया इनकार

Update: 2024-10-18 06:22 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्तियों को नष्ट करने और राज्य के बरेली जिले में मंदिर के पुजारी की हत्या का प्रयास करने के आरोपी व्यक्ति को जमानत देने से इनकार किया।

जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ ने कहा कि इस तरह के अपराधों को समाज में पनपने की अनुमति नहीं दी जा सकती, समुदाय और लोगों की भावनाओं को व्यापक नुकसान पहुँचाने की कीमत पर नरम रुख अपनाकर।

आरोपी शाहरुख को इस साल जुलाई में इस आरोप में गिरफ्तार किया गया कि उसने और उसके सह-आरोपियों ने न केवल मंदिर में मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया बल्कि मंदिर के पुजारी पर चाकू से हमला भी किया, जिसका उद्देश्य उसे जान से मारना था पुजारी भागने में सफल रहा। उसके खिलाफ यह भी मामला है कि भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्तियों को सावन के पवित्र महीने में तोड़ा गया, क्योंकि आरोपियों का इरादा सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना था।

सभी आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 298 299, 302, 109 (1) और 61 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया। मामले में जमानत मांगते हुए आरोपी के वकील ने अदालत में तर्क दिया कि उसे मामले में झूठा फंसाया गा, उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और जमानत पर रिहा होने की स्थिति में उसके न्याय के मार्ग से भागने या सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोई संभावना नहीं है।

दूसरी ओर राज्य की ओर से पेश हुए एजीए ने इस आधार पर जमानत आवेदन का कड़ा विरोध किया कि प्रत्यक्षदर्शियों ने भगवान शिव के परिवार की मूर्तियों को नष्ट करने के अपराध में आवेदक को स्पष्ट रूप से शामिल किया। यह भी प्रस्तुत किया गया कि आरोपी के खिलाफ लगाए गए अपराधों ने धार्मिक भावनाओं को भड़काया।

इन प्रस्तुतियों की पृष्ठभूमि में और यह देखते हुए कि इस तरह के अपराध जो लोगों या समुदायों के बीच घृणा को बढ़ावा देते हैं, उन्हें सख्ती से दबाया जाना चाहिए, अदालत ने उसे जमानत देने से इनकार कर दिया।

केस टाइटल - शाहरुख बनाम उत्तर प्रदेश राज्य

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