श्रावण महीने में मंदिर के पास शराब की दुकान चलाने पर हाईकोर्ट ने जिला आबकारी अधिकारी से मांगा जवाब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अयोध्या के स्वावन के पवित्र महीने के दौरान एक मंदिर (अयोध्या के मिल्कीपुर में श्रावण श्रम मंदिर खिहरन) के पास एक शराब की दुकान के संचालन के खिलाफ एक जनहित याचिका (PIL) पर अयोध्या के जिला आबकारी अधिकारी से जवाब मांगा है।
अधिवक्ता हरेंद्र सिंह और सतीश कुमार शर्मा के माध्यम से स्वामी कृष्णाचार्य उर्फ काली प्रसाद मिश्रा द्वारा दायर जनहित याचिका में तर्क दिया गया है कि मंदिर परिसर के ठीक बगल में शराब की दुकान चलाने से श्रावण मास के दौरान भगवान की पूजा करने वाले भक्तों को अनुचित कठिनाई होगी।
यह मामला है कि याचिकाकर्ता ने उपआबकारी आयुक्त अयोध्या से शिकायत की थी, लेकिन उन्होंने इस आधार पर आवेदन का निपटारा कर दिया कि अगर दुकान बंद हुई तो आबकारी विभाग को नुकसान होगा।
जनहित याचिका में शराब की दुकान को लाइसेंस देने में शामिल प्रतिवादी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। इसके अतिरिक्त, याचिका में मंदिर के बगल से शराब की दुकान को तुरंत हटाने की मांग की गई है ताकि भक्त श्रावण के दौरान भगवान शिव की पूजा कर सकें।
22 जुलाई को मामले की सुनवाई करते हुए, जस्टिस संगीता चंद्रा और जस्टिस श्रीप्रकाश सिंह की खंडपीठ ने अयोध्या के जिला आबकारी अधिकारी से 100 मीटर की अनिवार्य माप के लिए अपनाई गई प्रक्रिया के बारे में व्यक्तिगत हलफनामा मांगा।
न्यायालय ने उस क्षेत्र की तस्वीरें भी मांगी, अर्थात, जिस सड़क पर शराब की दुकान स्थित है, और पुराने गेट और नए गेट से संबंधित मंदिर की चारदीवारी तक किए गए माप भी मांगे हैं।
मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी।