हाईकोर्ट ने वैकल्पिक उपाय अपनाने का निर्देश दिया तो धारा 107 GST के तहत अपील खारिज नहीं की जा सकती: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि एक बार हाईकोर्ट ने करदाता को केंद्रीय कर वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017 (GST) की धारा 107 के तहत अपीलीय प्राधिकारी से संपर्क करने का निर्देश दिया तो अपील खारिज नहीं की जा सकती, क्योंकि वह सुनवाई योग्य नहीं है।
याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता को CGST Act की धारा 79 के तहत नोटिस और मांग जारी की गई, जिसके अनुसार उसने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
तत्कालीन खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को अधिनियम की धारा 107 के तहत अपील के वैकल्पिक उपाय के लिए भेज दिया। अपीलीय प्राधिकारी ने अपील को सुनवाई योग्य नहीं मानते हुए खारिज कर दिया।
याचिकाकर्ता ने अतिरिक्त आयुक्त के आदेश के खिलाफ भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत फिर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें अपील को इस आधार पर खारिज किया गया कि कोई अपील योग्य आदेश पारित नहीं किया गया।
जस्टिस पीयूष अग्रवाल ने कहा,
"एक बार जब इस न्यायालय की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को एक्ट की धारा 107 के तहत प्रदान किए गए वैकल्पिक उपाय का लाभ उठाने का निर्देश दिया तो विवादित आदेश कानून की नजर में कायम नहीं रह सकता। इसलिए मामले पर अपीलीय प्राधिकारी द्वारा पुनर्विचार की आवश्यकता है।"
तदनुसार मामले को निर्णय के लिए अपीलीय प्राधिकारी को वापस भेज दिया गया।
केस टाइटल: न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और 3 अन्य