चुनावी हलफनामे में आपराधिक मामलों का खुलासा ना करने के आरोप पर सुप्रीम कोर्ट ने देवेंद्र फडणवीस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा

Update: 2018-12-14 13:01 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक याचिका पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ नोटिस जारी कर 6 हफ्ते में जवाब मांगा है। याचिका में फडणवीस पर 2014 के विधानसभा चुनाव के लिए दाखिल हलफनामे में दो आपराधिक मामलों का खुलासा ना करने का आरोप लगाया गया है।

 महाराष्ट्र के सतीश उके ने मुख्यमंत्री के खिलाफ याचिका दायर कर चुनाव को निरस्त करने की मांग की है और कहा है कि ये आपराधिक मामले की श्रेणी में भी आता है।

गुरुवार को सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने ये नोटिस जारी किया।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि फडणवीस ने 2014 विधानसभा चुनावों के दौरान चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे में उनके खिलाफ दर्ज दो आपराधिक मामलों को नहीं दर्शाया था। इनमें से एक मामला आपराधिक मानहानि और दूसरा ठगी का है। ऐसे में ये सीधे तौर पर कानून का उल्लंघन है और इसके लिए उनका चुनाव रद्द किया जाना चाहिए।

हालांकि इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने ये याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि याचिका में तथ्यों की कमी है। उके ने हाईकोर्ट में नागपुर के ज्यूडि़शियल मजिस्ट्रेट के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें ऐसी ही याचिका को खारिज कर दिया गया था। याचिका में इसी आधार पर फडणवीस का चुनाव रद्द करने की मांग की गई थी।

याचिकाकर्ता उके  ने आरोप लगाया है कि 2009 और 2014 में नागपुर के दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से नामांकन भरते समय फडणवीस ने उनके खिलाफ लंबित दो आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाई थी। यह जनप्रतिनिधि अधिनियम, 1951 की धारा 125-ए का स्पष्ट उल्लंघन है। याचिकाकर्ता के मुताबिक 1996 और 1998 में फडणवीस के खिलाफ विभिन्न आरोपों में दो मामले दर्ज किए गए थे।

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