कलबुर्गी हत्याकांड : सुप्रीम कोर्ट ने CBI से पूछा, क्या जुड़े हैं दाभोलकर और गोविंद पानसरे हत्याकांड से तार ?

Update: 2018-12-11 17:30 GMT

कन्नड़ लेखक और हंपी विश्विद्यालय के पूर्व कुलपति एमएम कलबुर्गी की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से पूछा है कि क्या इस केस के तार नरेंद्र दाभोलकर, गोविंद पानसरे और गौरी लंकेश हत्याकांड से जुड़े हो सकते हैं ?

मंगलवार को सुनवाई करते हुए जस्टिस यू यू ललित की पीठ ने कहा कि अगर प्रथम दृष्टया सीबीआई को लगता है कि इन सबकी कड़िया आपस में जुड़ी हो सकती हैं तो कोर्ट एक ही एजेंसी को सारे मामलों की जांच सौंप देगा और ये एजेंसी सीबीआई ही है।

पीठ ने कहा कि दाभोलकर हत्याकांड की जांच पहले ही बॉम्बे हाईकोर्ट सीबीआई को सौंप चुका जबकि पनसरे मामले की जांच महाराष्ट्र ATS के पास है।

वहीं सीबीआई की ओर से पेश वकील ने कहा कि वो एजेंसी से निर्देश लेकर जवाब दाखिल करेंगे। इस दौरान कर्नाटक सरकार की ओर से पेश देवदत्त कामत ने कहा कि पुलिस की जांच में  कलबुर्गी मामले के तार गौरी लंकेश हत्याकांड से जुड़ रहे हैं। पुलिस इन पहलुओं की जांच कर रही है और तीन महीने में जांच पूरी कर अदालत में आरोप पत्र दाखिल करेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी के पहसे सप्ताह में मामले को सूचीबद्ध किया है।

27 नवंबर को  कलबुर्गी हत्याकांड की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार पर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने सरकार को दो हफ्ते में बताने को कहा था कि इस मामले की जांच कब तक पूरी होगी।

 मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस आरएफ नरीमन की पीठ ने कहा था कि कर्नाटक सरकार ने अभी तक जांच में कुछ नहीं किया है।

वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि वो इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को तैयार हैं।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट एसआइटी से जांच कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों एनआइए, सीबीआई, महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक की सरकारों को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब मांगा था। कलबुर्गी की पत्नी उमादेवी कलबुर्गी ने सुप्रीम कोर्ट में दिवंगत पत्रकार की हत्या की जांच रिटायर जज की निगरानी में SIT से कराने के लिए याचिका दायर की थी। मार्च में केंद्र ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि NIA का इस हत्याकांड की जांच से कोई लेना- देना नहीं है क्योंकि इसमें आतंकवादी घटना नहीं हुई है।

गौरतलब है कि कलबुर्गी की पत्नी की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि उनके पति की हत्या के मामले में अब तक कोई ठोस जांच नहीं की गई है। हंपी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और जाने-माने विद्वान कलबुर्गी की 30 अगस्त, 2015 को कर्नाटक के धारवाड़ में उनके आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह 77 वर्ष के थे। वह साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार थे।

याचिका में कलबुर्गी की पत्नी ने कहा है कि उनके पति, नरेंद्र दाभोलकर तथा गोविंद पानसरे की हत्या के तार आपस में जुड़े हुए हैं। दाभोलकर की अगस्त 2013 और पानसरे की फरवरी 2015 में हत्या कर दी गई थी। कलबुर्गी की पत्नी ने कहा है कि दाभोलकर और पानसरे हत्याकांड की जांच बहुत लचर तरीके से की जा रही है। हत्यारों की पकड़ने की दिशा में कोई प्रगति नहीं है। इसलिए इसकी जांच SIT से कराई जानी चाहिए।

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