जब मामले की सुनवाई स्थगित हो, तो पक्षकारों को अदालत में मौजूद होने की जरूरत नहीं : सुप्रीम कोर्ट [आर्डर पढ़े]

Update: 2018-10-14 09:39 GMT

न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि जब निचली अदालत की सुनवाई स्थगित है, तो जब तक यह स्थगन समाप्त नहीं हो जाता तब तक पक्षकारों के अदालत में मौजूद होने की जरूरत नहीं है।

पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति एस अब्दुल नज़ीर भी शामिल हैं, ने कहा कि ट्रांसफर के एक मामले में एक वकील ने उससे कहा कि अदालत द्वारा स्थगन का आदेश देने के बावजूद पंजाब की निचली अदालत पक्षकारों के अदालत में मौजूद रहने पर ज़ोर डालती है।

“हमें यह समझ नहीं आता कि अगर वकील ने जो कहा है वह सही है, तो इस तरह की परिपाटी के पीछे तर्क क्या है। हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि चूंकि सुनवाई स्थगित कर दी गई है, जिस अदालत ने सुनवाई स्थगित की है वह जब तक इसको वापस नहीं ले लेती तब तक पक्षकारों के अदालत में मौजूद होने की कोई जरूरत नहीं है”।

इसके बाद पीठ ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से आग्रह किया कि वह इस बारे में राज्य की सभी अदालतों को स्पष्टीकरण भेजे।

सपना अरोरा की ट्रांसफर याचिका पर पीठ ने मंगलवार को नोटिस जारी किया था और अनुमंडलीय न्यायिक मजिस्ट्रेट,फगवारा, पंजाब के समक्ष लंबित मामले को स्थगित कर दिया था।


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