वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह को फॉर्च्यून ने विश्व के 50 महानतम नेताओं की सूची में शामिल किया
जिस दिन सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया मामले में उनकी दलीलों के खिलाफ कुछ कठोर टिप्पणियां की, तभी भारत की पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल और वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह को फॉर्च्यून पत्रिका ने 2018 के विश्व के 50 महानतम नेताओं में से एक के रूप में नामित किया है।
जयसिंह ने बैंगलोर विश्वविद्यालय से 1962 में अपनी बैचलर ऑफ आर्ट की डिग्री पूरी की और बॉम्बे विश्वविद्यालय से एलएलएम पूरा करने के लिए चली गईं। उन्होंने 1960 के दशक में अभ्यास करना शुरू किया और तब से वो कई मामलों में पहला क्रेडिट पा चुकी हैं।
उन्हें पहली महिला वरिष्ठ वकील के तौर पर बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा नामित किया गया, महिलाओं के खिलाफ भेदभाव को खत्म करने पर यू.एन. समिति के लिए चुनी जाने वाली पहली भारतीय महिला और भारत की अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त होने वाली पहली महिला।
20वां स्थान पाने वालीं जयसिंह को अब अपने स्वयंसेवी संगठन, लॉयर्स कलेक्टिव के माध्यम से काम के लिए सराहा गया है।
फॉर्च्यून की वेबसाइट का कहना है, "जब भारत में गरीबों को एक आवाज की जरूरत है, तो वे जयसिंह में एक वकील को देखते हैं जिन्होंने अन्याय से जूझने के लिए अपना जीवन समर्पित किया है।
जयसिंह ने 1984 भोपाल गैस दुर्घटना के शिकार लोगों की तरफ से केस लड़ा है,
सीरियाई ईसाई महिलाओं की मदद की है और उनके लिए भारत में पुरुष समकक्षों के बराबर संपत्ति अधिकार जीता है। भारत के पहले घरेलू हिंसा कानून का मसौदा तैयार करने में मदद की है। उनके काम से ही हाल ही में उन्हें म्यांमार का नेतृत्व मिला है, जहां उन्हें संयुक्त राष्ट्र द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई की जांच करने के लिए नियुक्त किया गया।
" सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ब्रिजगोपाल हरकिशन लोया की रहस्यमय मौत की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। जयसिंह इस मामले में एक हस्तक्षेपकर्ता की तरफ से पेश होरही थीं।
याचिकाओं को खारिज करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने बॉम्बे उच्च न्यायालय की प्रशासनिक समिति के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग के लिए जयसिंह पर कड़ी टिप्पणियां की।
यह ध्यान दिया गया, "हमें इस संदर्भ में रिकॉर्ड करना होगा कि हमने सबमिशन के दौरान क्या सुना है। दवे ने आग्रह किया है कि (i) वह न्यायाधीशों की जांच करना चाहते हैं और (ii) वह न्यायिक अधिकारियों पर विश्वास नहीं करते, बंबई उच्च न्यायालय की प्रशासनिक समिति पर आरोप लगाए गए हैं। इस अदालत को समिति पर प्रासंगिक समय पर न्यायाधीशों को अवमानना का नोटिस जारी करने के लिए कहा गया।
जयसिंह इस अदालत से अनुरोध करते हुए मैदान में शामिल हो गई कि बॉम्बे हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति को अवमानना नोटिस जारी किया जाए। गिरी के साथ दिखने वाले कनिष्ठ वकील तो इस हद तक चले गए कि जिन न्यायिक अधिकारियों के जांच के दौरान बयान दर्ज किए गए वो संदिग्ध हैं। इस कार्यवाही में ये न्यायपालिका भी इस विवादास्पद हमले से बचा नहीं है। "
हालांकि न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं और हस्तक्षेपकर्ताओं के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने से इनकार कर दिया।
आदेश स्वीकार करते हुए जयसिंह ने ट्वीट किया, "यह वो दिन था जब सुप्रीम कोर्ट ने मुझे अवमानना के दोषी ठहराया। यह कहने के लिए कि जे मोहित शाह की अध्यक्षता वाली बॉम्बे की समिति ने सोहराबुद्दीन मामले में सीबीआई के न्यायाधीश उत्पत का तबादलत कर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना की।
मैं अपनी प्रस्तुतियों पर कायम हूं। ओबलाइज्ड माई लॉर्ड्स। "
जयसिंह के अलावा इस सूची में शामिल अन्य भारतीयों में मुकेश अंबानी और वास्तुकार बालकृष्ण दोशी हैं।