ओडिशा-छत्तीसगढ़ के बीच महानदी जल विवाद : केंद्र ने गठित किया ट्रिब्यूनल; न्यायमूर्ति खानविलकर करेंगे इसकी अध्यक्षता

Update: 2018-03-13 16:15 GMT

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करते हुए “महानदी जल विवाद ट्रिब्यूनल” गठित कर दिया है ताकि ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच महानदी जल के बंटवारे के विवाद को हल किया जा सके।

इस वर्ष जनवरी में न्यायमूर्ति एसए बोबडे और न्यायमूर्ति नागेश्वर राव की पीठ ने अंतर-राज्य नदी जल विवाद अधिनियम, 1956 की धारा 4(1) के तहत एक ट्रिब्यूनल गठित करने का आदेश दिया था।

इस ट्रिब्यूनल का मुख्यालय दिल्ली होगा और इसके सदस्य निम्न लोग होंगे :




  1. न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, जज, सुप्रीम कोर्ट (अध्यक्ष)

  2. न्यायमूर्ति रवि रंजन, पटना हाई कोर्ट

  3. न्यायमूर्ति इंदरमीत कौर कोच्चर, दिल्ली हाई कोर्ट


दोनों राज्यों के बीच यह विवाद तब हुआ जब ओडिशा ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ सरकार महानदी के ऊपरी हिस्से पर बाँध बना रहा है और इससे उसके किसानों को पानी नहीं मिल रहा है जो कि इस नदी के पानी पर काफी हद तक निर्भर हैं। छत्तीसगढ़ इस मामले में किसी भी तरह के ट्रिब्यूनल गठित किए जाने का विरोध कर रहा था।

अक्टूबर 2016 में दोनों राज्यों के बीच इस मुद्दे को लेकर हुई बातचीत के विफल हो जाने पर ओडिशा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

ओडिशा ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका में छत्तीसगढ़ को छह औद्योगिक बराज बनाने से रोकने का अनुरोध किया। उसने छत्तीसगढ़ को उसके हिस्से से अधिक पानी के प्रयोग से रोकने का भी अनुरोध किया।

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