मेडिकल कॉलेज घूस कांड : उड़ीसा हाई कोर्ट के पूर्व जज आईएम कुदुस्सी ने मीडिया पर रोक लगाने के लिए दिल्ली कोर्ट में दिया आवेदन [याचिका पढ़े]

Update: 2018-03-06 17:10 GMT

उड़ीसा हाई कोर्ट के पूर्व जज आईएम कुदुस्सी ने द वायर, टाइम्स ऑफ़ इंडिया और एबीपी न्यूज़ पर कोर्ट के आदेश के अलावा मेडिकल कॉलेज घूस कांड से जुड़ी किसी भी तरह की खबर को प्रकाशित करने से रोकने के लिए दिल्ली के पटियाला हाउस अदालत में आवेदन दिया है।

जब मंगलवार को इस मामले की सुनवाई शुरू हुई तो कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 11 मार्च तक के लिए टाल दी क्योंकि एबीपी न्यूज़ को यह नोटिस जारी नहीं किया जा सकता था।

कुदुस्सी ने द वायर में 15 जनवरी को प्रकाशित खबर Medical College Bribery Scam: CBI Tapes Talk of ‘Prasad’ for ‘Temple’ in Delhi, Allahabad, का हवाला दिया। इस आलेख में आरोप लगाया गया है कि मेडिकल घूस कांड में तीन आरोपियों कुदुस्सी, बिचौलिया और प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट के विश्वनाथ अग्रवाल और बीपी यादव के बीच कथित बातचीत से पता चलता है कि कॉलेज के अधिकारी अपेक्षित फैसले के बदले सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाई कोर्ट के बड़े अधिकारियों को घूस देने वाले थे।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने Bribery Charges against judiciary in med college scam intensify as CBI transcripts reveal talk of ‘prasad’ and ‘temples’ नाम से आलेख छापा था और इसकी तरह का एक आलेख एबीपी न्यूज़ ने भी छापा था।

यह याचिका में यह कहा गया है कि मीडिया हाउसेस को सीबीआई की प्राथमिक जांच की रिपोर्ट हाथ लग गई है और इसकी प्रति अभी तक आरोपी को भी नहीं मिली है। याचिका में कहा गया है कि ये मीडिया हाउस बेलगाम और उत्तरदायित्वहीन हैं।

“...प्रतिवादियों ने जो किया है वह किसी अपमान से कम नहीं है और इन्होंने वादी की प्रतिष्ठा को हानि पहुंचाने वाला काम किया है। प्रतिवादी नैतिकता की न्यूनतम अपेक्षा पर भी खड़े नहीं उतरे हैं और उनसे किसी भी तरह के सभ्य और शालीन व्यवहार की उम्मीद नहीं की जा सकती है”।

फिर, कुदुस्सी ने आरोप लगाया कि मीडिया में उनके खिलाफ ट्रायल शुरू कर मीडिया हाउसेस ने विनियामक नियमों का उल्लंघन किया है। वे बिना जांच परख के रिपोर्ट प्रकाशित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर मीडिया को इस तरह के रिपोर्ट को प्रकाशित करने की अनुमति दी गई तो इससे न केवल उनका बल्कि न्यायपालिका का भी अपमान होगा।

इसके बाद उन्होंने मांग की कि इन तीन मीडिया हाउसेस पर मेडिकल कॉलेज घूस कांड से जुड़ी किसी भी तरह की खबर को प्रकाशित करने से रोका जाए और उन्हें सिर्फ न्यायिक आदेश ही प्रकाशित करने की अनुमति हो। उन्होंने यह मांग भी की है कि अन्य मीडिया हाउसेस को भी इसके बारे में किसी भी तरह की खबर प्रकाशित करने से रोका जाए। सीबीआई से भी यह पूछा जाएगा कि उनकी गोपनीय रिपोर्ट लीक कैसे हो गई।


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