जिला जज के पास लंबित मध्यस्थता के मामले में फैसले के लिए आवेदन को कमर्शियल कोर्ट में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता : छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट [आर्डर पढ़े]

Update: 2018-01-20 11:58 GMT

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कहा है कि जिला जज के समक्ष मध्यस्थता के लिए लंबित मामले में फैसला सुनाए जाने के लिए आवेदन को कमर्शियल कोर्ट, कमर्शियल डिवीजन एंड कमर्शियल अपीलेट डिवीजन ऑफ़ हाई कोर्ट्स, एक्ट, 2015 की धारा 15(5) के तहत किसी कमर्शियल अदालत में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।

न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति राम प्रसन्न शर्मा ने दीवानी अदालत के समक्ष लंबित मामले को कमर्शियल कोर्ट में ट्रांसफर करने की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान यह कहा।

कोर्ट के समक्ष यह दलील दी गई कि अधिनियम 2015 की धारा 15(2) के तहत सभी मामले और आवेदन जिसमें आर्बिट्रेशन एंड कन्सिलिएशन एक्ट, 1996 के तहत दिए गए आवेदन भी शामिल हैं, को कमर्शियल कोर्ट में ट्रांसफर किया जा सकता है बशर्ते कि विवाद कमर्शियल हो और यह दो दीवानी अदालतों में लंबित हो और इनके फैसले के लिए किसी कमर्शियल कोर्ट का गठन किया गया हो।

इस दलील को अस्वीकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि “आवेदन” से मतलब मूल आवेदन से है न कि फैसला देने के लिए दिए गए आवेदन से।

पीठ ने कहा, “एक बार जब फैसला दे दिया जाता है, तो इस स्थिति में कार्यवाही अंतिम हो जाता है और अधिनियम 1996 की धारा 36 के तहत फैसला सुनाए जाने के लिए दिए गए आवेदन को मूल या स्वतंत्र आवेदन नहीं माना जा सकता...”।


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