इलाहाबाद हाई कोर्ट का उत्तर प्रदेश सरकार का निदेश, “जातिहीन” होने के आईपीएस अधिकारी की मांग पर दो माह में निर्णय करें [आर्डर पढ़े]

Update: 2018-01-08 13:51 GMT

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की ओर से दायर अनुरोध पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब देने को कहा है। अधिकारी ने मांग की है कि उसको सरकारी रिकॉर्ड में “जातिहीन” बताया जाए।

न्यायमूर्ति सत्येन्द्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति रजनीश कुमार ने कहा कि ठाकुर ने कई बार अधिकारियों के सामने इस बारे में अपनी बात रखी है कि वह जाति व्यवस्था को बांटनेवाला मानते हैं और इसलिए वह जातिहीन समाज के पक्ष में हैं।

हालांकि हाई कोर्ट से उनकी अपील में मांग की गई है कि कोर्ट अथॉरिटीज को उनके अनुरोध पर ध्यान देने का निर्देश दे। कोर्ट ने ठाकुर की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया और राज्य से दो महीने के भीतर इस बारे में अपना जवाब दाखिल करने को कहा।


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