उप राज्यपाल ठोस कचरा प्रबंधन के बारे में उप नियमों को तीन सप्ताह के भीतर नोटिफाई करें : दिल्ली हाई कोर्ट [आर्डर पढ़े]

Update: 2017-12-14 14:49 GMT

दिल्ली हाई कोर्ट ने ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर उप नियमों को अधिसूचित नहीं कर पाने के लिए दिल्ली सरकार पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। इन उप नियमों को ठोस कचरा प्रबंधन नियम, 2016 के तहत अधिसूचित करना जरूरी है। इन उप नियमों को नगर निगम निकायों और पर्यावरण विशेषज्ञों ने मिलकर तैयार किया है।

दिल्ली हाई कोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने कहा कि उप नियमों को नोटिफाई करने के कोर्ट के बार-बार निर्देश के बावजूद आज तक ऐसा नहीं किया गया।

कोर्ट ने कहा, “पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत ठोस कचरा प्रबंधन नियम, 2016 के उप नियमों को नोटिफाई करना जरूरी है। ...स्थानीय निकायों को सिर्फ ये नियम बनाने हैं और हमें इस बारे में कोई संदेह नहीं है कि जो नियम तैयार किए गए हैं उसे दिल्ली के उप राज्यपाल ही अब नोटिफाई करना है।”

कोर्ट ने यह भी कहा कि इन उप नियमों को सभी निगमों के आयुक्तों और अन्य प्राधिकरणों और निकायों ने अपनी स्वीकृति दे दी है। इसको अब दिल्ली के उप राज्यपाल द्वारा अधिसूचित किए जाने का इंतज़ार है। कोर्ट ने उप राज्यपाल को इस उप नियमों को तीन सप्ताह के भीतर अधिसूचित कर देने का निर्देश दिया।

कोर्ट इस मामले में दो जनहित याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है। इनमें से एक याचिका एडवोकेट गौरी ग्रोवर ने दायर की है जबकि दूसरी याचिका अर्पित भार्गव ने। इन याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए प्राधिकरणों को निर्देश जारी करने का आग्रह अपनी याचिकाओं में किया है।

इस तरह की एक सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि कचरा और स्वच्छता नहीं होने से इस तरह की बीमारियाँ फैलती हैं और उसके बाद उसने ठोस कचरा के प्रबंधन की स्थिति की ओर अपना ध्यान दिया। इस मामले की अगली सुनवाई अब 16 जनवरी को होनी है।


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