खुली जेल : SC ने केंद्र को राजस्थान मॉडल पर राज्यों से बैठक करने और यूनिफार्म गाइडलाइन बनाने को कहा

Update: 2017-12-13 04:54 GMT

एक महत्वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने जेल रिफॉर्म्स  लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार को राजस्थान मॉडल की तर्ज पर खुली जेल बनाने पर विचार करने को कहा है।

एमिक्स क्यूरी गौरव अग्रवाल ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर खुली जेल को लेकर राजस्थान मॉडल को अपनाने और देश के हर जिले में एक खुली जेल बनाए जाने की वकालत की है।

सुप्रीम कोर्ट ने एक्टिविस्ट एवं शोधकर्ता स्मिता चक्रवर्ती द्वारा राजस्थान की खुली जेल पर दाखिल रिपोर्ट को देखते हुए केंद्र सरकार को कोई भी गाइडलाइन बनाने से पहले उन्हें आमंत्रित करने और उनसे परामर्श लेने को कहा है।

इससे पहले अग्रवाल ने कोर्ट को बताया था कि देश में 63 खुली जेल हैं और अलग अलग राज्यों में ये अलग अलग तरीके की हैं।

वहीं AG के के वेणुगोपाल ने सहमति जताई थी कि ये एक अच्छा अनुभव है और इसके लिए शोध की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के अनुभव पर गौर करने के लिए राज्यों को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। इस पर जस्टिस लोकुर ने कहा कि गाइडलाइन बनाने के लिए केंद्र को अगवाई करनी चाहिए वरना इस मुद्दे पर संशय बना रहेगा।

AG ने कहा कि पहले राज्यों को इस पर जवाब देना चाहिए। जस्टिस लोकुर ने कहा कि गृह मंत्रालय को एक या दो दिन में इस मुद्दे पर राज्यों का सम्मेलन बुलाना चाहिए। जब AG ने कहा कि ये अच्छा रहेगा कि केंद्र को राज्यों का पक्ष पहले से ही पता हो तो बेंच ने कहा कि राज्यों को हलफनामा दाखिल करने के लिए कहना, फिर जवाबी हलफनामा इनमें बहुत वक्त जाया होगा।  बेंच ने सुझाव दिया कि अगर केंद्र राज्यों के डीजीपी की बैठक बुलाता है तो वो राज्य सरकार से निर्देश ला सकते हैं।

इसके बाद बेंच ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों  को एमिक्स क्यूरी को  खुली जेल के प्रस्ताव पर चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है और केंद्रीय गृहमंत्रालय को इस संबंध में सम्मेलन आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।

केस की सुनवाई की अगली सुनवाई अगले साल 21 फरवरी को होगी। वहीं AG के के वेणुगोपाल  ने सुनवाई होने के बाद चक्रवर्ती से वायदा किया कि वो MHA से उनके खुली जेल को लेकर सुझावों को स्वीकृत कराएंगे और केस में उनके योगदान को भी बताया जाएगा।

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