अधिकाँश एनआरआई, पीआईओ, ओसीआई आधार के हकदार नहीं : यूआईडीएआई

Update: 2017-11-20 15:02 GMT

यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (यूआईडीएआई) ने स्पष्ट किया है कि अनिवासी भारतीय (एनआरआई), भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) और भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई) आधार पाने के हकदार नहीं हैं।

यूआईडीएआई द्वारा हाल ही में जारी एक सर्कुलर में कहा गया है, “सेवाएं/लाभ प्राप्त करने के लिए आधार की लिंकिंग का ताल्लुक आधार अधिनियम, 2016 के अनुसार सिर्फ निवासी भारतीयों से है। ...अधिकाँश एनआरआई, पीआईओ और ओसीआई इस अधिनियम के अनुसार इसमें पंजीकरण के हकदार नहीं हो सकते हैं। हालांकि, लागू करने वाली एजेंसी एनआरआई, पीआईओ और ओसीआई आदि की स्थिति की वास्तविकता सुनिश्चित करने के लिए कोई तरीका बना सकते हैं।”

इस सर्कुलर में कहा गया है आधार अधिनियम, 2016 की धारा 3(1) के अनुसार, “सभी निवासी भारतीय आधार नंबर प्राप्त करने के योग्य हैं...”।

आगे धारा 2(v) जो “निवासी” की व्याख्या करता है, का जिक्र करते हुए कहा गया है, “निवासी वह है जिसने पंजीकरण के लिए आवेदन देने से ठीक पहले 12 महीनों में भारत में लगातार 182 या इससे अधिक दिन बिताए हैं”।

प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लौन्डरिंग (मेंटेनेंस ऑफ़ रिकार्ड्स) रूल्स, 2017 और आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139AA में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बैंक खाते और पैन को लिंक करना उसके लिए जरूरी है जो आधार कार्ड का हकदार है।

इसके बाद सर्कुलर में सुझाव दिया गया है कि आधार को पहचान का सबूत के तौर पर पेश करने को कहने वाली सभी एजेंसियों को निम्न बातें याद रखनी है :

“a). पहचान के लिए दस्तावेज के रूप में आधार की मांग सिर्फ वही कर सकते हैं जिनको आधार अधिनियम 2016 के तहत इसकी अनुमति दी गई है। और


b) अधिकाँश एनआरआई, पीआईओ और ओसीआई आधार अधिनियम, 2016 के अनुसार इसमें पंजीकरण के योग्य नहीं हो सकते हैं।”

मंत्रालयों और विभागों से कहा गया है कि वे इस संदर्भ में राज्य सरकारों और लागू करने वाली एजेंसियों को उचित निर्देश जारी करें।


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