सभी कालेजों में यौन उत्पीडन को लेकर बने एक्ट को लागू कराने का सर्कुलर जारी हो : मद्रास हाईकोर्ट

Update: 2017-09-10 05:42 GMT

मद्रास हाईकोर्ट ने उच्चतर शिक्षा विभाग और कॉलिजिएट शिक्षा निदेशालय को कहा है कि वो कालेजों में यौन उत्पीडन को लेकर बने एक्ट  को लागू कराने का सर्कुलर जारी करे। हाल ही में दिए इस फैसले में कहा गया है कि कालेजों में भी सेक्सुअल हरेशमेंट ऑफ वुमन  एट वर्कप्लेस ( प्रिवेंशन, प्राहबिशन और रिड्रैसल) एक्ट 2013 को लागू कराया जाए।

हाईकोर्ट ने कहा कि उसे लगता  है कि कर्मचारी  द्वारा दी गई शिकायत पर बिना किसी देरी के कार्रवाई होनी चाहिए और सभी को इस संबंध में जानकारी दी जानी चाहिए कि इन शिकायतों का सही तरीके से निपटारा हो।

जस्टिस एस एम सुब्रमण्यम ने कहा कि भविष्य में एेसे मामलों में देरी ना हो इसलिए विभागों के सचिव तुरंत इस एक्ट को लागू करने के सर्कुलर जारी करें।

दरअसल हाईकोर्ट प्रेजिडेंसी कॉलेज की एक सहायक प्रोफेसर की याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिन्होंने कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर पर यौन उत्पीडन के आरोप लगाए थे। महिला प्रोफेसर की शिकायत पर जांच के लिए प्रिंसिपल ने विभागाध्क्षों की एक कमेटी भी बनाई लेकिन महिला प्रोफेसर ने कमेटी को चुनौती दी थी क्योंकि एक्ट के मुताबिक इसमें

कॉलेज से बाहर का कोई सदस्य नहीं था। कोर्ट ने इस बात को माना और इसके बाद प्रिंसिपल ने दूसरी कमेटी बनाई।

हाईकोर्ट ने प्रिंसिपल के तुरंत कार्रवाई करने की तारीफ की और कहा चूंकि कॉलेज में इस तरह का ये पहला मामला है इसलिए ये देरी माफ की जा सकती है। प्रेजिडेंसी कॉलेज की प्रिंसिपल ने जिस तरह फौरन कदम उठाए ये तारीफ के काबिल है और ये उनके सर्विस रिकार्ड में भी दर्ज होना चाहिए।

हाईकोर्ट ने आदेश को विभागों तक पहुंचाने के निर्देश देते हुए कहा कि सब कॉलेजों में महिलाओं से यौन उत्पीडन के मामलों में सही भावना के साथ इस एक्ट के प्रावधान लागू किए जाने चाहिएं।

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