एनसीईआरटी द्वारा बिड खारिज करने के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट ने सही ठहराया
दिल्ली हाई कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें एनसीईआरटी के एक फैसले को चुनौती दी गई थी। एनसीईआरटी ने याचिकाकर्ती द्वारा लगाई गई बिड (बोली) को खारिज कर दिया था और इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता ने चुनौती दी थी।
एनसीईआरटी ने एजुकेशनल किट के लिए टेंडर आमंत्रित किया था इसके लिए ई टेंडरिंग की गई थी। याचिकाकर्ता की बोली रद्द होने के बाद उसने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर एनसीईआरटी के आदेश को चुनौती दी थी। जस्टिस विभू बाखरू की बेंच के सामने पिछले साल दिसंबर में याचिकाकर्ता ने अर्जी दाखिल की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
एनसीईआरटी ने कहा कि याचिकाकर्ता ने जो बीड (बोली लगाई थी) वह तकनीकी स्तर पर ही खारिज कर दी गई थी। एनसीईआरटी की दलील थी कि फैसला सही था क्योंकि याचिकाकर्ता ने न तो इन वॉइस दिया था और न ही अपने काम के अनुभव के बारे में बताया था। कोर्ट ने कहा कि एनसीईआऱटी ने जिस आधार पर बीड कैंसल की उसमें दखल की जरूरत नही हैं और याचिकाकर्ता की अर्जी खारिज कर दी। a