भर्ती नियमों को पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू नहीं किया जा सकता, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कर्मचारी की बर्खास्तगी के आदेश को खारिज किया
LiveLaw News Network
16 Dec 2024 11:50 AM IST
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की जस्टिस रजनी दुबे की एकल पीठ ने कहा कि भर्ती नियमों या दिशा-निर्देशों को किसी कर्मचारी को पद से अनुचित तरीके से हटाने के लिए पूर्वव्यापी रूप से लागू नहीं किया जा सकता।
निर्णय में न्यायालय ने पाया कि याचिकाकर्ता की पिछली नियुक्ति के बारे में प्रतिवादी का तर्क, जो धोखाधड़ी के माध्यम से या उसके मूल स्थान के बारे में जानकारी छिपाकर प्राप्त की गई थी, गलत था। 20.08.2014 के अनापत्ति प्रमाण पत्र से यह स्पष्ट था, जिसमें याचिकाकर्ता के मूल स्थान का उल्लेख गांव-मुरदंडा के रूप में किया गया था।
न्यायालय ने आगे पाया कि वर्ष 2007 में याचिकाकर्ता की नियुक्ति के समय, जब उसे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में नियुक्त किया गया था, उसी तरह के कई अन्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अन्य गांवों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में नियुक्त किया गया था, जो वर्तमान में भी उक्त पद पर कार्यरत हैं।
न्यायालय ने पाया कि जिस आधार पर याचिकाकर्ता की सेवा उसके पिछले पद से समाप्त की गई थी, वह दिनांक 16.07.2015 के समाप्ति आदेश से स्पष्ट नहीं है।
न्यायालय ने माना कि याचिकाकर्ता की नियुक्ति वर्ष 2007 में हुई थी, जबकि दिशा-निर्देश 02.04.2008 को जारी किए गए थे, इसलिए 2008 के दिशा-निर्देश उसकी 2007 की नियुक्ति पर पूर्वव्यापी रूप से लागू नहीं किए जा सकते। इसलिए न्यायालय ने याचिकाकर्ता के संबंध में दिनांक 16.07.2015 के समाप्ति आदेश को निरस्त कर दिया।
न्यायालय ने प्रतिवादियों को आदेश दिया कि वे 2008 के दिशा-निर्देशों/भर्ती नियमों से पहले या वर्ष 2007 में याचिकाकर्ता की नियुक्ति के समय के पिछले दिशा-निर्देशों पर याचिकाकर्ता के मामले की जांच करें। यदि उसकी नियुक्ति वैध पाई जाती है, तो प्रतिवादी याचिकाकर्ता को 2007 के पिछले नियुक्ति आदेश के अनुसार सेवा में बहाल करेगा।
उपर्युक्त टिप्पणियों के साथ, रिट याचिका को अनुमति दी गई।
केस नंबर: WPS No. 3654 of 2015