यौन उत्पीड़न की पीड़िता को सरकारी स्कूल में कथित तौर पर एडमिशन देने से इनकार किया गया: केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा

LiveLaw News Network

26 Nov 2021 4:56 AM GMT

  • केरल हाईकोर्ट

    केरल हाईकोर्ट

    केरल हाईकोर्ट में एक असहाय मां ने गुरुवार को एक आवेदन दायर कहा कि यौन उत्पीड़न की पीड़िता उसकी बेटी को सरकारी स्कूल में प्रवेश से वंचित किया जा रहा है।

    न्यायमूर्ति राजा विजयराघवन वी. ने सरकारी वकील को निर्देश प्राप्त करने और यह बताने का निर्देश दिया कि पीड़ित बच्ची को प्रतिवादी स्कूल में क्यों नहीं रखा जा सकता।

    याचिकाकर्ता 17 साल के एक बच्ची की मां है। बच्ची विक्ट्री वीएचएसएस ओलाथन्नी एडेड स्कूल में अपना प्रथम वर्ष का वीएचएससी (एफएचडब्ल्यू) कोर्स कर रही है। घोर गरीबी के कारण वह क्रिश्चियन मिशन चिल्ड्रन होम में रह रही है।

    याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आर. गोपन पेश हुए और तर्क दिया कि घटनाओं के एक दुर्भाग्यपूर्ण मोड़ के कारण वह यौन शोषण का शिकार हो गई।

    तदनुसार, कुन्नीकोड ​​पुलिस स्टेशन में अन्य बातों के साथ-साथ पोक्सो अधिनियम की धारा तीन और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 के तहत अपराध का आरोप लगाते हुए एक मामला दर्ज किया गया है।

    यह तर्क दिया गया कि जिस स्कूल में बच्ची पढ़ रही थी वह आरोपी के घर के पास स्थित है। यह भी तर्क दिया जाता है कि बच्चे को अभी भी कुछ व्यक्तियों द्वारा ताने मारे जा रहे हैं।

    अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने के लिए उसने सरकारी व्यावसायिक उच्च माध्यमिक विद्यालय में स्थानांतरण प्रवेश के लिए आवेदन किया।

    वकील ने जोर देकर कहा कि हालांकि उक्त स्कूल में पर्याप्त रिक्तियां हैं, फिर भी किसी न किसी कारण से उसे प्रवेश देने से इनकार कर दिया गया। प्रतिवादियों के समक्ष कई अभ्यावेदन दायर किए गए। सभी अभ्यावेदन अभी तक लंबित है।

    कोर्ट 30 नवंबर को फिर से मामले की सुनवाई करेगा।

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