जब भी कोई विरोध प्रदर्शन होता है, धारा 144 CrPC आदेश जारी किया जाता है; यह गलत संकेत देता है: सुप्रीम कोर्ट
Shahadat
27 Jan 2025 3:59 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने विरोध और प्रदर्शनों को रोकने के लिए कर्फ्यू आदेश जारी करने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 144 (धारा 163 BNSS) के दुरुपयोग को चिह्नित किया।
जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ झारखंड राज्य द्वारा दायर याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें 2023 में राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के संबंध में निशिकांत दुबे, अर्जुन मुंडा और बाबूलाल मरांडी सहित 28 BJP नेताओं के खिलाफ मामला रद्द कर दिया गया।
राज्य के वकील ने प्रस्तुत किया कि आरोपियों ने धारा 144 CrPC आदेश का उल्लंघन किया और एक हिंसक प्रदर्शन का नेतृत्व किया, जिससे सरकारी कर्मचारी, पुलिस अधिकारी और पत्रकार घायल हो गए।
इस मौके पर जस्टिस ओक ने मौखिक रूप से कहा,
"यह प्रवृत्ति है कि चूंकि कोई विरोध प्रदर्शन हो रहा है, इसलिए 144 (CrPC) का आदेश जारी कर दिया जाता है। इससे गलत संदेश जाएगा। अगर कोई प्रदर्शन करना चाहता है तो 144 जारी करने की क्या आवश्यकता है? ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि 144 का दुरुपयोग किया जा रहा है।"
खंडपीठ ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है।
हाईकोर्ट ने मामले को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि आरोपियों पर पथराव करने और पुलिस बैरिकेड तोड़ने का कोई सीधा आरोप नहीं है।

