फंसे हुए प्रवासियों को 15 दिनों में उनके मूल स्थान पर पहुंचाएं, लॉकडाउन के उल्लंघन के केस वापस लेने पर विचार करें : सुप्रीम कोर्ट ने दिए कई निर्देश

LiveLaw News Network

9 Jun 2020 11:35 AM IST

  • फंसे हुए प्रवासियों को 15 दिनों में उनके मूल स्थान पर पहुंचाएं, लॉकडाउन के उल्लंघन के केस वापस लेने पर विचार करें : सुप्रीम कोर्ट ने दिए कई निर्देश

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को लॉकडाउन के दौरान प्रवासी कामगारों के संकट पर लिए गए स्वतः संज्ञान मामले में कई दिशा-निर्देश जारी किए।

    ये दिशा निर्देश इस प्रकार हैं :

    1 सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फंसे प्रवासियों की पहचान करने और उन्हें 15 दिनों के भीतर मूल स्थानों पर वापस पहुंचाया जाए।

    2 राज्यों को प्रवासियों के अपने मूल स्थानों पर जाने की कोशिश में, स्टेशनों पर भीड़ लगाने आदि के लिए लॉकडाउन उल्लंघन के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत इन प्रवासियों के खिलाफ दायर सभी मामलों को वापस लेने पर विचार करें।

    3 श्रमिक ट्रेन की मांग करने पर, रेलवे 24 घंटे के भीतर ट्रेनों उपलब्ध करवाएगा।

    4 प्रवासी श्रमिकों को सभी योजनाएं प्रदान करें और उन्हें प्रचारित करें। रोजगार के अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रवासियों की मदद करने के लिए हेल्प डेस्क लगाएं।

    5 केंद्र और राज्य एक सुव्यवस्थित तरीके से प्रवासी श्रमिकों की पहचान के लिए एक सूची तैयार करें।

    6 रोजगार की संभावना की मैपिंग और प्रवासियों की स्किल-मैपिंग की जाए, जिससे श्रमिकों को रोजगार की राहत हो।

    7 यदि वे चाहें तो वापस जाने की यात्रा की सलाह के लिए परामर्श केंद्र स्थापित किए जाएं।

    इस मामले को अब 8 जुलाई को सूचीबद्ध किया गया है।

    सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र, राज्य सरकार और अन्य पक्षों को सुनने के बाद प्रवासियों के संकट के मुद्दे पर दर्ज स्वत: संज्ञान मामले पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था

    जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एस के कौल और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा था कि प्रवासी, जो अब उनके मूल राज्यों में पहुंच चुके हैं, उनके कल्याण को सुनिश्चित करने के निर्देश पारित किए जाएंगे।

    पीठ ने कहा था कि

    "हम जो करने का प्रस्ताव रखते हैं, वह यह है कि हम आपको (केंद्र) और राज्यों को सभी प्रवासियों के परिवहन के लिए 15 दिन का समय देंगे। सभी राज्यों को यह बताना होगा कि वे कैसे रोजगार और अन्य प्रकार की राहत प्रदान करेंगे। प्रवासियों का पंजीकरण होना चाहिए।"

    देश भर में फंसे प्रवासियों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 28 मई को कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए थे।

    एक महत्वपूर्ण कदम में सुप्रीम कोर्ट ने 24 मई को कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों की समस्याओं पर स्वतः संज्ञान लिया था।


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