पेंडिंग केस से निपटना और मीडिएशन को बढ़ावा देना प्रायोरिटी होगी: सीजेआई- डेजिग्नेट सूर्यकांत

Shahadat

22 Nov 2025 8:23 PM IST

  • पेंडिंग केस से निपटना और मीडिएशन को बढ़ावा देना प्रायोरिटी होगी: सीजेआई- डेजिग्नेट सूर्यकांत

    डेजिग्नेट सीजेआई, जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि सीजेआई के तौर पर अपने कार्यकाल की शुरुआत के साथ पेंडिंग केस से निपटना और मीडिएशन को बढ़ावा देना उनके प्रायोरिटी गोल होंगे।

    अपने रेजिडेंशियल ऑफिस में प्रेस ब्रीफिंग में बोलते हुए जस्टिस कांत ने ज़ोर दिया कि अलग-अलग वजहों से बढ़ते पेंडेंसी सुप्रीम कोर्ट के मेन एजेंडा में सबसे ऊपर होंगे।

    उन्होंने कहा कि इंडियन लीगल लैंडस्केप में मीडिएशन और मीडिएशन सेंटर्स के डेवलपमेंट पर भी ज़्यादा ज़ोर देने की ज़रूरत है।

    जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को इंडिया के 53वें चीफ जस्टिस के तौर पर पदभार संभालेंगे। सीजेआई के तौर पर उनका कार्यकाल 9 फरवरी, 2027 तक रहेगा।

    जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार जिले के पेटवार गांव में हुआ था। उन्होंने 1984 में महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी, रोहतक से लॉ की डिग्री ली और फिर उसी साल हिसार के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अपनी प्रैक्टिस शुरू की। 1985 में वह कॉन्स्टिट्यूशनल, सर्विस और सिविल मामलों में स्पेशलाइज़ेशन के साथ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट, चंडीगढ़ चले गए।

    7 जुलाई, 2000 को उन्हें हरियाणा का सबसे कम उम्र का एडवोकेट जनरल अपॉइंट होने का गौरव मिला और उन्हें सीनियर एडवोकेट भी बनाया गया। 9 जनवरी, 2004 को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के परमानेंट जज के तौर पर प्रमोट होने तक उन्होंने एडवोकेट जनरल के तौर पर काम किया।

    जज के तौर पर उन्होंने 2007 से 2011 तक नेशनल लीगल सर्विसेज़ अथॉरिटी (NALSA) की गवर्निंग बॉडी में काम किया। बाद में 2011 में लॉ में अपनी मास्टर डिग्री में फर्स्ट क्लास फर्स्ट हासिल किया। उन्हें 5 अक्टूबर, 2018 को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस अपॉइंट किया गया। उसके बाद 24 मई, 2019 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया में प्रमोट किया गया। 14 मई, 2025 से वह NALSA के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन हैं और इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट की कई कमेटियों में भी काम करते हैं।

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