सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत ने अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया

Shahadat

30 Jan 2023 7:12 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत ने अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया

    सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत ने सोमवार को पंजाब सरकार द्वारा शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को ड्रग्स मामले में नियमित जमानत देने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया।

    जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की खंडपीठ के समक्ष यह मामला सूचीबद्ध किया गया।

    पंजाब सरकार की ओर से पेश हुए जब सीनियर एडवोकेट श्याम दीवान ने अपनी दलीलें शुरू कीं तो पीठ की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि उन्होंने हाईकोर्ट की उस पीठ का नेतृत्व किया था, जिसने विशेष कार्य बल को मामले की जांच करने का निर्देश दिया था।

    पीठ ने संक्षिप्त चर्चा के बाद आदेश दिया कि इस मामले को ऐसी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए, जिसका जस्टिस कांत हिस्सा न हो।

    गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री और शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता को उनके खिलाफ दर्ज ड्रग्स मामले में जमानत दे दी थी।

    जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर की हाईकोर्ट की खंडपीठ ने पिछले साल मजीठिया द्वारा दायर जमानत याचिका स्वीकार कर ली थी।

    मजीठिया ने हाईकोर्ट के समक्ष दलील दी कि उनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत दायर मामले पूरी तरह से राजनीतिक प्रकृति के हैं और राजनीतिक और गुप्त उद्देश्यों से दूषित हैं। आगे यह दावा किया गया कि मजीठिया का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और वह मुख्यधारा के राजनेता हैं। उन्होंने जांच में शामिल होने, जांच एजेंसी के साथ पूरी तरह से सहयोग करने और अदालत द्वारा लगाई गई किसी भी शर्त का पालन करने का वचन दिया।

    पिछले साल, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने एनडीपीएस मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने और जमानत देने के खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की खंडपीठ का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता दी थी।

    केस टाइटल: पंजाब राज्य बनाम बिक्रम सिंह मजीठिया डायरी नंबर - 35970/2022

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