दिल्ली हाईकोर्ट ने CLAT-PG में अत्यधिक काउंसलिंग फीस के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी किया, अंतरिम राहत से किया इनकार
दिल्ली हाईकोर्ट ने कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट पोस्ट-ग्रेजुएट (CLAT-PG) कोर्स में प्रवेश के लिए निर्धारित 'अत्यधिक' काउंसलिंग फीस को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है। हालांकि कोर्ट ने फिलहाल याचिकाकर्ता को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार किया।
जस्टिस रजनीश कुमार गुप्ता की एकल पीठ ने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (NLUs) के कंसोर्टियम, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) और यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (UGC) से जवाब मांगा।
यह याचिका CLAT-PG के अभ्यर्थी जतिन श्रीवास्तव द्वारा दायर की गई, जिन्होंने कहा कि अत्यधिक और अनुचित फीस के कारण वे काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग नहीं ले सके।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश एडवोकेट ने दलील दी कि केवल वह ही अभ्यर्थी दूसरी राउंड की काउंसलिंग में भाग ले सकते हैं, जो यह भारी-भरकम शुल्क भरने में सक्षम हैं। उन्होंने अनुरोध किया कि इस अनिवार्यता पर कोर्ट अंतरिम रोक लगाए।
उन्होंने कहा,
“काउंसलिंग में भाग लेने के लिए 30,000 की राशि ली जा रही है, जो UGC के विनियमों और सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के स्पष्ट उल्लंघन में है।”
कोर्ट के सवाल पर वकील ने बताया कि दूसरी राउंड की काउंसलिंग आज हो रही है, जबकि तीसरे राउंड की तारीख 4 जुलाई है। उन्होंने कहा कि पिछली शुक्रवार को विकल्प भरने की प्रक्रिया हुई परंतु याचिकाकर्ता उसमें भाग नहीं ले सके क्योंकि उन्हें दूसरे राउंड के लिए 20,000 की अतिरिक्त राशि चुकानी थी।
एडवोकेट ने तर्क दिया,
“देश में यह एकमात्र परीक्षा है, जहां इतनी अधिक काउंसलिंग फीस ली जाती है।”
कोर्ट ने याचिका पर नोटिस तो जारी कर दिया और अगली सुनवाई 2 जुलाई को तय की लेकिन अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया।
जस्टिस गुप्ता ने कहा,
“प्रक्रिया चल रही है। दूसरी काउंसलिंग जारी है। तीसरी काउंसलिंग आने वाली है... मैं एक अभ्यर्थी के लिए पूरी प्रणाली को कैसे बाधित कर सकता हूं?”
कोर्ट ने याचिकाकर्ता को बिना फीस भरे काउंसलिंग में भाग लेने की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया।
यह याचिका काउंसलिंग अधिसूचना के क्लॉज 1.5.1 को चुनौती देती है, जिसमें कम से कम 15 NLU विकल्पों को चुनना अनिवार्य किया गया।
साथ ही 'नॉन-रिफंडेबल कन्फर्मेशन फीस को अनुचित अत्यधिक, मनमाना और संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 का उल्लंघन बताया गया।
याचिकाकर्ता ने CLAT कंसोर्टियम को यह फीस वसूलने से रोकने और पहले से वसूली गई राशि को याचिका के अंतिम निर्णय तक लौटाने का निर्देश देने की मांग भी की। साथ ही CLAT-PG प्रवेश के लिए चल रही काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने की भी अपील की गई।
केस टाइटल: जतिन श्रीवास्तव बनाम नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी कंसोर्टियम एवं अन्य