क्या किसी कंपनी के शेयर सार्वजनिक उपक्रमों के पास होने पर वह अनुच्छेद 12 के तहत राज्य साधन बन जाएगी? सुप्रीम कोर्ट करेगा विचार

Update: 2024-05-03 05:44 GMT

सुप्रीम कोर्ट इस सवाल की जांच करने के लिए सहमत हो गया कि क्या कोई कंपनी जिसके शेयर विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के पास हैं, संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत राज्य का साधन होगी।

यह मुद्दा केरल औद्योगिक और तकनीकी परामर्श संगठन (KITCO) द्वारा दायर याचिका में उठा। उक्त याचिका में केरल हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई कि KITCO राज्य के साधन के रूप में संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत "राज्य" की परिभाषा के अंतर्गत आएगा।

याचिकाकर्ता ने बताया कि केरल हाईकोर्ट ने शांति कंस्ट्रक्शन बनाम अवंतिका गैस लिमिटेड और अन्य मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले पर भरोसा किया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने शांति कंस्ट्रक्शन बनाम अवंतिका गैस लिमिटेड और अन्य में एमपी हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली विशेष अनुमति याचिका पर नोटिस जारी किया।

जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने कहा,

"इन मामलों में मूल मुद्दा यह है कि क्या कंपनी, जिसके शेयर विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के पास हैं, संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत राज्य का साधन होगी या नहीं।"

मौजूदा मामले पर नोटिस जारी करते हुए कोर्ट ने इसे अवंतिका गैस लिमिटेड मामले में एसएलपी के साथ टैग कर दिया। केरल हाईकोर्ट के फैसले पर भी रोक लगा दी गई।

आक्षेपित फैसले में, जस्टिस अनु शिवरामन और जस्टिस सी प्रतीप कुमार की हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि कंपनी के अधिकांश शेयर केंद्र सरकार के पास हैं और यहां तक कि राज्य सरकार का भी बोर्ड में "निर्णायक प्रतिनिधित्व" है। इसलिए हाईकोर्ट ने माना कि यह संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत रिट याचिका के लिए उत्तरदायी राज्य साधन है।

केस टाइटल: केरल औद्योगिक और तकनीकी परामर्श संगठन (KITCO बनाम KITCO कर्मचारियों का कल्याण संघ | अपील के लिए विशेष अनुमति के लिए याचिका (सी) नंबर 9327/2024

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