Vivekananda Reddy Murder | सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई अप्रैल तक स्थगित की; CBI से केस फाइलों की ई-कॉपी दाखिल करने को कहा

Update: 2024-02-06 04:24 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (5 फरवरी) को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाईएस विवेकानंद रेड्डी की हत्या से संबंधित केस डायरी की डिजिटल कॉपी दाखिल करने को कहा।

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ विवेकानंद रेड्डी हत्याकांड से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सत्तारूढ़ युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) और उनके चचेरे भाई तेलंगाना के सांसद वाईएस अविनाश रेड्डी को तेलंगाना हाईकोर्ट द्वारा दी गई अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली उनकी बेटी द्वारा दायर याचिका भी शामिल थी।

पिछले साल जुलाई में अविनाश रेड्डी की अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली सुनीता नारेड्डी की याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो से जवाब मांगते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय एजेंसी को आरोप पत्र की कॉपी सीलबंद लिफाफे में दाखिल करने का निर्देश दिया था। साथ ही मूल केस फाइलों की भी। यह निर्देश तब जारी किया गया जब याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा ने बताया कि CBI ने नरेड्डी की याचिका के जवाब में न तो अपना जवाबी हलफनामा दाखिल किया है, न ही आरोप पत्र को रिकॉर्ड पर रखा है।

सीनियर वकील ने अदालत से केस डायरी पेश करने के लिए बाध्य करने का भी आग्रह किया, यह तर्क देते हुए कि बहुत सारी सामग्री है, जो रिकॉर्ड पर नहीं आई है।

मामले की संक्षिप्त रूपरेखा देने के बाद लूथरा ने जोर देकर कहा कि याचिकाओं के समूह को विस्तार से सुनना होगा।

जस्टिस खन्ना ने सहमति जताते हुए कहा,

अगर हमें इसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करना होगा तो हम ऐसा करेंगे।

सीनियर वकील के अनुरोध पर अदालत ने मामले की फाइलों को सीलबंद लिफाफे में दाखिल करने के अपने निर्देश के साथ CBI के अनुपालन पर भी जोर दिया।

एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जब बताया कि जांच एजेंसी ने अदालत में फाइलें लाकर आदेश का अनुपालन किया तो जस्टिस खन्ना ने यदि संभव हो तो दस्तावेजों की डिजिटल कॉपी दाखिल करने को कहा। इस निर्देश के साथ खंडपीठ ने कार्यवाही 22 अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह तक के लिए स्थगित करने का निर्देश दिया।

पिछले साल, खंडपीठ ने विवेकानंद हत्याकांड के मुख्य आरोपी टी गंगी रेड्डी की याचिका पर भी नोटिस जारी किया, जिसमें तेलंगाना हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें उन्हें केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया।

उनकी ओर से सीनियर एडवोकेट दामा शेषाद्री नायडू ने उनकी याचिका पर अन्य याचिकाओं से अलग सुनवाई की मांग की।

हालांकि, लूथरा ने मामलों को डी-टैग करने के प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा,

"उनकी जमानत मेरी चुनौती से जुड़ी है।"

जस्टिस खन्ना ने नायडू से कहा,

"हम आपको इससे पहले कोई तारीख नहीं दे पाएंगे। यह संभवतः सबसे छोटी तारीख है।"

केस टाइटल- सुनीता नारेड्डी बनाम वाईएस अविनाश रेड्डी और अन्य। | एसएलपी (सीआरएल) नंबर 7449/2023 और अन्य जुड़े मामले

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