हरियाणा में सक्रिय हैं टैंकर माफिया, राज्य पुलिस उठाए गए कदमों के बारे में बताए: दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

Update: 2024-06-14 04:30 GMT

दिल्ली सरकार ने जल संकट मामले में दाखिल अपनी स्टेटस रिपोर्ट में कहा कि यमुना नदी के हरियाणा की तरफ टैंकर माफिया सक्रिय है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि दिल्ली सरकार के पास इसके खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है। हरियाणा को यह बताना है कि वह रिलीजिंग पॉइंट और प्राप्ति के बिंदु के बीच दिल्ली को पानी की पूरी आपूर्ति को संरक्षित करने के लिए क्या कदम उठा रहा है।

दिल्ली सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा,

“जहां तक ​​किसी कथित 'टैंकर माफिया' की खबरों या संदर्भों का सवाल है, पानी की ऐसी अवैध चोरी सीएलसी या डीएसबी तक पानी पहुंचने से पहले ही हो जाती है। दूसरे शब्दों में, यमुना नदी के हरियाणा की तरफ टैंकर माफिया सक्रिय है और याचिकाकर्ता के पास इसके खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है। हरियाणा को यह बताना है कि रिलीजिंग पॉइंट और प्राप्ति के बिंदु के बीच दिल्ली को पानी की पूरी आपूर्ति को संरक्षित करने के लिए वह क्या कदम उठा रहा है।”

जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की वेकेशन बेंच दिल्ली सरकार की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें हरियाणा राज्य को संकटग्रस्त राष्ट्रीय राजधानी में तत्काल पानी छोड़ने के निर्देश देने की मांग की गई। याचिका में उत्तरी राज्यों में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच नागरिकों के सामने पानी की भारी कमी को रेखांकित किया गया।

बेंच ने गुरुवार को टैंकर माफिया जैसे कई कारकों के कारण दिल्ली में पानी की कमी के बारे में गंभीर चिंता जताई थी। दिल्ली सरकार से पूछते हुए कि क्या इसके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई। इसने यह भी स्पष्ट रूप से कहा कि निष्क्रियता की स्थिति में मामला दिल्ली पुलिस को सौंप दिया जाएगा।

आगे कहा गया,

“अगर आप कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं तो हम टैंकर माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए इसे दिल्ली पुलिस को सौंप देंगे। लोग परेशान हैं। वही पानी टैंकर के जरिए आ रहा है और पाइपलाइन में पानी नहीं है। हम हर चैनल पर देख रहे हैं कि दिल्ली में टैंकर माफिया काम कर रहे हैं। आपने क्या उपाय किए हैं?”

इसके अनुसार, कोर्ट ने दिल्ली सरकार को पानी के अवैध परिवहन के लिए की गई कार्रवाई के खिलाफ हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया और मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी।

कोर्ट रूम की कार्यवाही के दौरान, जीएनसीटीडी की ओर से वर्चुअली पेश हुए सीनियर एडवोकेट एएम सिंघवी ने कहा कि हरियाणा और दिल्ली पुलिस को अपनी-अपनी सीमाओं पर टैंकर माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

सिंघवी ने कहा,

"माई लॉर्ड, मुझे कोई संदेह नहीं है, मैं कहूंगा कि ऐसी स्थितियों में मृत्युदंड लगाया जाना चाहिए। हरियाणा पुलिस अपनी सीमा पर और दिल्ली पुलिस को यहां सहयोग करना चाहिए। सबसे कठोर दंड देना चाहिए, क्योंकि मुझे निर्देश दिया गया है कि ऐसा ज्यादातर सीमा पर होता है, जहां से पानी का स्थानांतरण होता है।"

सिंघवी ने इस बात पर भी जोर दिया कि दिल्ली और हरियाणा पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए और एक या दो गलत लोगों को उदाहरण के तौर पर पेश करना चाहिए।

उन्होंने कहा,

"यदि आप एक या दो लोगों को उदाहरण के तौर पर पेश करते हैं तो बाकी लोग तुरंत शांत हो जाएंगे। आप जो भी कहेंगे, पुलिस बल को सहायता के मामले में किया जाएगा।"

जस्टिस मिश्रा ने गुरुवार की फटकार का ज़िक्र करते हुए कहा,

"हम आपको सक्रिय करने के लिए ही बहुत कुछ कहते हैं।"

इस विचार को आगे बढ़ाते हुए सिंघवी ने कहा कि कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सक्रिय कर दिया और अब एक अधिक व्यापक हलफनामा दाखिल किया गया।

आगे कहा गया,

"मैं इसके लिए बहुत आभारी हूं। आखिरकार, परिप्रेक्ष्य यह है कि ऐसा हर साल होता है। आपको कम से कम कुछ अर्ध-स्थायी समाधान तो निकालना ही होगा।"

प्रस्तुत किए गए प्रस्तुतियों पर गौर करने के बाद कोर्ट ने अंततः वर्तमान याचिका का निपटारा किया। इसने दिल्ली सरकार को ऊपरी यमुना नदी बोर्ड (UYRB) से संपर्क करने का निर्देश दिया और कहा कि राज्यों के बीच यमुना जल के बंटवारे से संबंधित मुद्दा एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है।

डिवीजन बेंच ने तर्क दिया कि उसके पास जल बंटवारे के मुद्दे से निपटने के लिए विशेषज्ञता नहीं है।

न्यायालय ने आदेश दिया,

"इस मुद्दे पर वर्ष 1994 के समझौता ज्ञापन में पक्षकारों की सहमति से गठित निकाय को विचार करना चाहिए। चूंकि अपर यमुना रिवर बोर्ड (UYRB) ने मानवीय आधार पर अतिरिक्त 150 क्यूसेक पानी की आपूर्ति के लिए दिल्ली को आवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इसलिए यदि ऐसा आवेदन पहले से नहीं किया गया तो आज शाम 5 बजे तक आवेदन प्रस्तुत किया जाना चाहिए। उसके बाद UYRB बैठक बुलाएगा तथा मामले में यथाशीघ्र निर्णय लेगा। यदि आवश्यक हो तो बोर्ड प्रतिदिन आधार पर बैठक बुला सकता है। रिट याचिका का निपटारा किया जाता है।"

केस टाइटल: दिल्ली सरकार बनाम हरियाणा राज्य एवं अन्य, डायरी नंबर 25504-2024

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