सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह हत्याकांड मामले में दोषी की तिहाड़ जेल से ट्रांसफर की याचिका पर नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह और 16 अन्य की 1995 में हुई हत्या के दोषी जगतार सिंह हवारा की याचिका पर नोटिस जारी किया।
जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की पीठ 4 सप्ताह बाद याचिका पर सुनवाई करेगी।
याचिका में याचिकाकर्ता को दिल्ली की तिहाड़ जेल से पंजाब की किसी जेल में स्थानांतरित करने के लिए इस आधार पर याचिका दायर की गई कि जेल में उसका आचरण अच्छा है। अपराध गंभीर सामाजिक उथल-पुथल की पृष्ठभूमि में हुआ। उसकी बेटी पंजाब में रहती है। वह एक मामले में लंबित अदालती कार्यवाही में शामिल होने में असमर्थ है।
हवारा को 27 जुलाई, 2007 को भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 120-बी, 302, 307 और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 की धारा 3(बी), 4(बी) और 5(बी) के तहत 1995 में हुए बम विस्फोट की घटना के लिए दोषी ठहराया गया था, जिसमें पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह सहित 16 अन्य लोगों की जान चली गई थी।
15 आरोपियों को दोषी ठहराया गया, जिनमें से हवारा और बलवंत सिंह सहित दो को मौत की सजा सुनाई गई, जबकि अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
याचिकाकर्ता को ट्रायल के दौरान चंडीगढ़ की बुधैल जेल में रखा गया था, जहाँ उसने जेल में एक सुरंग खोदी और 2004 में फरार हो गया। उसे 2005 में एक अन्य मामले में फिर से गिरफ्तार किया गया और चंडीगढ़ से दिल्ली भेजा गया।
जब वह सजा काट रहा था तब 12 अक्टूबर 2010 को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हवारा की सजा की पुष्टि की लेकिन उसकी मृत्युदंड की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर अपीलें लंबित हैं।
2018 में याचिकाकर्ता ने दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष तिहाड़ जेल से स्थानांतरण की मांग की, जिसे 23 जुलाई, 2018 को एक आदेश द्वारा खारिज कर दिया गया।
केस विवरण: जगतार सिंह हवारा बनाम दिल्ली सरकार और अन्य