सुप्रीम कोर्ट ने केबल टीवी नेटवर्क (संशोधन) नियम 2021 को चुनौती देने वाली याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया
सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न हाईकोर्ट में लंबित उन याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट को ट्रांसफर कर दिया, जिनमें केबल टीवी नेटवर्क (संशोधन) नियम 2021 (TV Networks (Amendment) Rules 2021) को चुनौती दी गई, जिस पर कुछ प्रसारकों/डिजिटल समाचार पोर्टलों के लिए रोक लगा दी गई।
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश तब पारित किया, जब भारत संघ के वकील ने निर्देश पर कहा कि आईटी नियम, 2021 के संदर्भ में 22 मार्च को पारित किए गए आदेश को अदालत द्वारा पारित किया जा सकता है।
सीनियर एडवोकेट अरविंद पी दातार प्रतिवादियों की ओर से पेश हुए और उन्होंने तर्क दिया कि आईटी नियम 2021 से संबंधित मामलों के साथ-साथ केबल टीवी नेटवर्क (संशोधन) नियम 2021 से संबंधित मामले समान थे, क्योंकि उन्होंने अनिवार्य रूप से मीडिया सामग्री के संबंध में तीन-स्तरीय शिकायत निवारण तंत्र को चुनौती दी थी।
मामले की पृष्ठभूमि
इस विवाद की शुरुआत केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 में किए गए संशोधन से हुई। इसमें टेलीविजन चैनलों द्वारा प्रसारित सामग्री से संबंधित दर्शकों की शिकायतों के निवारण के लिए तीन-स्तरीय तंत्र की शुरुआत की गई, जो कार्यक्रम संहिता या विज्ञापन संहिता का उल्लंघन है।
संशोधन द्वारा स्थापित तीन-स्तरीय निवारण सिस्टम इस प्रकार था:
लेवल I - प्रसारकों द्वारा स्व-नियमन।
लेवल II - प्रसारकों के स्व-नियामक निकायों द्वारा स्व-नियमन।
लेवल III - केंद्र सरकार द्वारा निगरानी तंत्र।
इस संशोधन के अनुसरण में प्रतिवादियों ने संशोधित नियमों के तहत बलपूर्वक कार्रवाई से सुरक्षा की मांग करते हुए विभिन्न हाईकोर्ट के समक्ष याचिकाएं दायर कीं।
सुनवाई पर हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित किए और मुख्य रिटों पर निर्णय होने तक नियमों का पालन न करने के लिए प्रतिवादियों के खिलाफ बलपूर्वक कार्रवाई करने से संघ को रोक दिया।
हाईकोर्ट के आदेशों से व्यथित होकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
22 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 (आईटी नियम, 2021) के खिलाफ विभिन्न हाईकोर्ट में लंबित समान मामलों को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया। यह आदेश मुद्दों पर एक समान सुनवाई को सक्षम करने के लिए पारित किया गया, यह देखते हुए कि दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष पहले से ही बड़ी संख्या में याचिकाएं लंबित हैं।
केस टाइटल: यूनियन ऑफ इंडिया बनाम द न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन और अन्य, एसएलपी (सी) नंबर 13661/2021 (और संबंधित मामले)