सुप्रीम कोर्ट ने दावेदारों को दिए बिना जमा की गई मोटर दुर्घटना मुआवजा राशि के मामले में स्वतः संज्ञान लिया

Update: 2024-07-08 10:19 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) और श्रम न्यायालयों में बड़ी मात्रा में जमा राशि के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए रिट याचिका शुरू की, जो लाभार्थियों को दिए बिना जमा हो गई।

जस्टिस अभय ओक और जस्टिस अगस्टिन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने कहा कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने 25 मई, 2024 को न्यायालय को भेजे गए ईमेल के आधार पर मामला शुरू करते हुए प्रशासनिक आदेश पारित किया।

ईमेल में MACT और श्रम न्यायालयों में बड़ी मात्रा में मुआवजे की राशि के दावे के बिना पड़े होने के मुद्दे को उजागर किया गया। ईमेल के अनुसार, अकेले गुजरात में लगभग 2,000 करोड़ रुपये जमा हैं, जबकि मुआवजे के लाभार्थियों का पता लगाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया।

इस प्रकार, सुप्रीम कोर्ट ने विधि एवं न्याय विभाग के सचिव तथा गुजरात हाईकोर्ट के महापंजीयक के माध्यम से गुजरात राज्य को नोटिस जारी किया, जिसका उत्तर 26 जुलाई, 2024 को दिया जाना है।

इस बीच, न्यायालय ने गुजरात हाईकोर्ट के महापंजीयक तथा गुजरात के विधि सचिव को निर्देश दिया कि वे राज्य में MACT तथा श्रम न्यायालयों में वर्तमान में जमा मुआवजे की राशि के बारे में डेटा एकत्र करने के लिए कदम उठाएं।

केस टाइटल- मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरणों तथा श्रम न्यायालयों में जमा मुआवजे की राशि के संबंध में

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