“अब हाईवे पहले से ज्यादा बेहतर और चिकने” : सुप्रीम कोर्ट ने सड़क विकास की सराहना की
सुप्रीम कोर्ट ने भारत के सड़क परिवहन नेटवर्क में हुए बड़े बदलाव की सराहना करते हुए कहा कि देश ने यात्रा व्यवस्था में “क्रांतिकारी सुधार” किए हैं और अवसंरचना विकास में “अभूतपूर्व प्रगति” हासिल की है।
जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ए.जी. मसीह की खंडपीठ ने कहा कि भारत ने अपने “साधारण आरंभ” से आगे बढ़कर अब एक विशाल और आधुनिक हाईवे नेटवर्क तैयार किया है, जो दूरदराज़ गांवों को शहरों से जोड़ता है और “लास्ट माइल कनेक्टिविटी” सुनिश्चित करता है।
कोर्ट ने कहा कि हाईवे और एक्सप्रेसवे देश के परिवहन ढांचे को नया रूप दे रहे हैं और आर्थिक विकास को गति दे रहे हैं। अब सड़कों की सतह पहले से अधिक चिकनी है, और बस सेवाएं “विदेशी स्तर की सुविधाएं” प्रदान कर रही हैं।
अदालत ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों का बढ़ता उपयोग सतत परिवहन को बढ़ावा दे रहा है और तकनीक का समावेश “स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन” का मुख्य आधार बन गया है। डिजिटलाइजेशन से ऑनलाइन टिकटिंग, मोबाइल ट्रैकिंग और बेहतर ग्राहक अनुभव संभव हुआ है — यह “गेम चेंजर” साबित हुआ है।
कोर्ट ने यह भी माना कि कुछ मार्गों पर अभी पुराने बसें चल रही हैं, लेकिन कई सेक्टरों में ई-बसें शुरू की जा चुकी हैं।
अंत में अदालत ने कहा —
“देश ने सड़क परिवहन क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है, लेकिन यात्रियों और आम नागरिकों के हित परिवहन अधिकारियों की सर्वोच्च प्राथमिकता होने चाहिए।”