सुप्रीम कोर्ट का प्रचार अभियानों में कथित हेट स्पीच के लिए पीएम मोदी को चुनाव से अयोग्य ठहराने की याचिका पर सुनवाई से इनकार

Update: 2024-05-14 10:47 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (14 मई) को प्रचार के दौरान कथित तौर पर हेट स्पीच देने और धर्म का हवाला देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव से अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार किया।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने मामले पर विचार करने में अनिच्छा व्यक्त की, जिसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस लेने का फैसला किया। तदनुसार, याचिका को वापस लिया गया मानकर खारिज कर दिया गया।

जब मामला उठाया गया तो याचिकाकर्ता के वकील ने कहा,

"मैंने प्रतिवादी नंबर 2 (पीएम मोदी) द्वारा दिए गए भाषणों को संलग्न किया है, जहां उन्होंने स्पष्ट रूप से भगवान के नाम पर वोट मांगे हैं।"

जस्टिस नाथ ने बताया कि याचिकाकर्ता ने पहले ECI से संपर्क किए बिना सीधे न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

न्यायाधीश ने कहा,

"इस तरह अनुच्छेद 32/226 के तहत न आएं। आपको प्राधिकरण से संपर्क करना होगा। यदि आप हटना चाहते हैं तो हम आपको अनुमति देंगे।"

इसके बाद याचिकाकर्ता याचिका वापस लेने पर सहमत हो गया, लेकिन उसने ECI से संपर्क करने की स्वतंत्रता मांगी।

हालांकि, न्यायमूर्ति नाथ ने कहा,

"हमें (स्वतंत्रता क्यों देनी चाहिए)? यह आपका काम है, आपकी समस्या है।"

कोर्ट ने अन्य याचिका भी खारिज कर दी, जिसमें कथित नफरत भरे भाषणों के लिए पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ईसीआई को निर्देश देने की मांग की गई थी।

केस टाइटल: फातिमा बनाम मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य, डायरी नंबर 21732/2024

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