सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुंगेर में कथित धांधली को लेकर दोबारा मतदान कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से किया इनकार, कहा- हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएं
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुंगेर निर्वाचन क्षेत्र में जेडीयू के सदस्यों द्वारा बूथ कैप्चरिंग और चुनाव में धांधली का आरोप लगाने वाली रिट याचिका पर सुनवाई से इनकार किया। याचिका में कुछ बूथों पर दोबारा मतदान और वोटों की गिनती के लिए निर्देश देने की मांग की। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की छूट देते हुए याचिका खारिज की।
जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की बेंच ने इस बात पर जोर दिया कि याचिकाकर्ताओं के लिए सबसे पहले हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना जरूरी है।
जस्टिस शर्मा ने याचिकाकर्ता के वकील एडवोकेट अल्जो जोसेफ से कहा,
"अस्वीकृति आदेश कहां है? आप हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते?...इस देश में हाईकोर्ट बंद नहीं हैं। कृपया हाईकोर्ट जाएं और हाईकोर्ट के सामने यह सब बहस करें। मुझे खेद है कि हम इस पर गुण-दोष के आधार पर बात नहीं कर रहे हैं।"
हालांकि वकील ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन पीठ ने अपना विचार नहीं बदला।
पीठ ने निम्नलिखित आदेश पारित किया:
"वकील ने हाईकोर्ट में जाने की स्वतंत्रता के साथ वर्तमान याचिका को वापस लेने के लिए दबाव डाला, इसे वापस लिया गया मानते हुए खारिज किया जाता है।"
यह याचिका बिहार के मुंगेर निर्वाचन क्षेत्र में कथित रूप से सत्ताधारी राजनीतिक दल जेडीयू के सदस्यों द्वारा सरकारी अधिकारियों की सहायता से बूथ कैप्चरिंग और चुनाव में धांधली से संबंधित है।
यह भी आरोप लगाया गया कि भारत के चुनाव आयोग के पर्यवेक्षकों और जिला चुनाव अधिकारी श्री अवनीश कुमार सिंह सहित अधिकारियों को कई बार ज्ञापन दिया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि जब उसने बूथ कैप्चरिंग का विरोध करने की कोशिश की तो जेडीयू के अधिकारियों और समर्थकों ने उसके साथ मारपीट की।
याचिकाकर्ता द्वारा मांगी गई मुख्य राहतों में (ए) लुखीसराय विधानसभा क्षेत्र, मोकाना विधानसभा क्षेत्र; सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र के कई बूथों पर पुनर्मतदान कराने के लिए ईसीआई को निर्देश देना शामिल है, जो सभी मुंगेर, बिहार का हिस्सा हैं; (ख) जिला मजिस्ट्रेट अवनीश कुमार सिंह को सभी प्रशासनिक जिम्मेदारियों से हटाने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देना; (ग) मुंगेर निर्वाचन क्षेत्र में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के साथ-साथ मतों की स्वतंत्र और निष्पक्ष गिनती कराने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देना।
केस टाइटल: कुमारी अनीता बनाम भारत का चुनाव आयोग डब्ल्यू.पी.(सी) नंबर 000351/2024