'अगर AAP को वोट दिया गया तो मैं वापस जेल नहीं जाऊंगा': सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के बयान पर ED की आपत्ति खारिज की

Update: 2024-05-16 09:41 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (16 मई) को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस बयान पर कार्रवाई करने से इनकार किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर वोट आम आदमी पार्टी (AAP) को दिया गया तो उन्हें दोबारा जेल नहीं जाना पड़ेगा।

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ कथित दिल्ली शराब नीति मामले के सिलसिले में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पिछले हफ्ते कोर्ट ने चुनाव प्रचार के लिए केजरीवाल को 1 जून तक अंतरिम जमानत पर रिहा करने की इजाजत दे दी थी। अदालत द्वारा लगाई गई जमानत शर्तों में से एक यह थी कि उन्हें मामले में अपनी भूमिका के बारे में सार्वजनिक रूप से नहीं बोलना चाहिए।

सुनवाई के दौरान ED की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ का ध्यान केजरीवाल के बयान की ओर दिलाया।

एसजी ने कहा,

"वह कहते हैं कि अगर आप झाड़ू (आप का चुनाव चिह्न) को वोट देंगे तो मुझे 2 जून को जेल नहीं जाना पड़ेगा। वह ऐसा कैसे कह सकते हैं?"

एसजी ने केजरीवाल के बयान को सिस्टम पर तमाचा बताया।

एसजी ने कहा,

"यह याचिकाकर्ता द्वारा सिस्टम पर तमाचा है। याचिकाकर्ता उन्हें विशेष व्यक्ति के रूप में मानते हैं। हम उन्हें किसी अन्य व्यक्ति के रूप में मानते हैं। कृपया देखें कि उन्होंने पहले दिन क्या कहा। माई लॉर्ड ने कहा कि वह मामले के बारे में कुछ नहीं कहेंगे।"

जस्टिस खन्ना ने हालांकि जवाब दिया,

"नहीं, हमने कहा कि वह मामले में अपनी भूमिका पर चर्चा नहीं करेंगे।"

एसजी ने जब केजरीवाल के बयान को दोहराया कि अगर AAP जीतती है तो उन्हें वापस जेल नहीं जाना पड़ेगा, जस्टिस खन्ना ने कहा,

"यह उनकी (केजरीवाल की) धारणा है, हम नहीं जानते। हमने जो महसूस किया वह उचित था, हमने कहा। हमारा आदेश बहुत अच्छा था। एकदम स्पष्ट। हमने विशेष रूप से कहा कि हम किसी को अपवाद नहीं बना रहे हैं।"

जस्टिस खन्ना ने आगे कहा,

"हम इसमें नहीं पड़ेंगे।"

केजरीवाल की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने के बारे में ''देश के सर्वोच्च मंत्री'' के बयान के संबंध में हलफनामा दाखिल करने जा रहे हैं। सिंघवी परोक्ष रूप से केंद्रीय मंत्री अमित शाह द्वारा प्रेस इंटरव्यू में दिए गए बयान का जिक्र कर रहे थे कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश नियमित नहीं था और कई लोगों को लगता है कि विशेष उपचार दिया गया।

जवाब में जस्टिस खन्ना ने कहा कि फैसले की आलोचना का स्वागत है।

जस्टिस खन्ना ने कहा,

"हम फैसले के आलोचनात्मक विश्लेषण का स्वागत करते हैं।"

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