सुप्रीम कोर्ट ने कथित जबरन धर्म परिवर्तन को लेकर यूपी पुलिस की एफआईआर में शुआट्स वीसी, अधिकारियों को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान की

Update: 2024-01-31 03:00 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को (30 जनवरी को) एक महिला के कथित जबरन धर्म परिवर्तन से संबंधित मामले में सैम हिगिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंस (SHUATS) के कुलपति और अन्य अधिकारियों (वर्तमान अपीलकर्ताओं) को दी गई अंतरिम रोक बढ़ा दी। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने यूपी राज्य को एक सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया। मामला तीन सप्ताह बाद सूचीबद्ध किया गया है।

अदालत एक महिला को नौकरी और अन्य प्रलोभन देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करने के आरोपी अपीलकर्ताओं के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर एक विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर सुनवाई कर रही थी।

गौरतलब है कि जस्टिस अनिरुद्ध बोस की अगुवाई वाली पीठ ने पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी। पिछले हफ्ते, सुप्रीम कोर्ट ने बिशप जॉनसन स्कूल एंड कॉलेज, प्रयागराज के प्रिंसिपल के खिलाफ धोखाधड़ी के एक मामले में आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया था, जो उसी प्रबंधन के तहत है।

कोर्ट-रूम एक्सचेंज

कोर्ट में अपीलकर्ताओं की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे और यूपी की अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद के बीच कुछ तीखी नोकझोंक देखी गई। पीठ ने इसी तरह की एक अन्य एसएलपी का हवाला दिया, जहां सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे पेश हुए थे।

यूपी एएजी ने कहा, उनके खिलाफ कई अन्य मामले हैं...वे इधर-उधर से एसएलपी फाइल कर रहे हैं। उनके के ख‌िलाफ बड़ी संख्या में मामले हैं. रेप के तमाम मामले…हर तरह के मामले…ये यूनिवर्सिटी अब सेक्स सिंबल बन गई है…

दवे ने इसका पुरजोर विरोध किया। उन्होंने कहा, हमारी ओर से दायर एक रिट याचिका में भी विभिन्न प्रार्थनाओं पर नोटिस जारी की गई है...और आगे कोई भी कठोर कदम उठाने पर रोक लगाई गई है...

दवे ने पिछले साल मार्च में सीजेआई की अगुवाई वाली बेंच की ओर से पारित आदेश का हवाला दिया ‌था। वहीं, कोर्ट ने सामूहिक धर्म परिवर्तन मामले में शुआट्स के कुलपति और निदेशक की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। 

केस टाइटलः राजेंद्र बिहारी लाल और अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य, एसएलपी (सीआरएल) नंबर 16557/2023

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