सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक की अंतरिम जमानत बढ़ाई
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को पिछले साल अगस्त में दी गई अंतरिम जमानत दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी।
मलिक को 23 फरवरी, 2022 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया, लेकिन उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया।
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ बॉम्बे हाईकोर्ट के जुलाई 2023 के आदेश के खिलाफ मलिक द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) विधायक की मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत का अनुरोध खारिज कर दिया गया था।
इससे पहले, जब अंतरिम राहत के लिए और विस्तार का अनुरोध किया गया तो एडिशनल सॉलिसिटर-जनरल एसवी राजू ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
उन्होंने अदालत से कहा,
"इस अनुरोध पर विचार किया जा सकता है और मेडिकल आधार पर विस्तार दिया जा सकता है।"
इसे ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने अंतरिम जमानत को छह महीने और बढ़ा दिया।
सुनवाई की शुरुआत में याचिकाकर्ता के वकील ने न्यायालय को बताया कि मलिक की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई। उन्होंने यह भी कहा कि जमानत की शर्तों के अनुसार, स्वास्थ्य रिकॉर्ड अपडेट किए जा रहे हैं। न्यायालय ने याद दिलाया कि एएसजी को पहले भी याचिकाकर्ता के अनुरोध पर कोई आपत्ति नहीं थी। इसके बाद अंतरिम रोक को बढ़ाते हुए न्यायालय ने मामले को दो सप्ताह बाद सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया।
न्यायालय ने आदेश दिया,
"अगली सुनवाई की तारीख तक अंतरिम आदेश जारी रखने के लिए दो सप्ताह बाद सूचीबद्ध करें।"
केस टाइटल: मोहम्मद नवाब मलिक बनाम महाराष्ट्र राज्य | आपराधिक अपील नंबर 2415/2023