सुप्रीम कोर्ट शिंदे गुट के सदस्यों को अयोग्य ठहराने से महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर के इनकार के खिलाफ उद्धव सेना की याचिका सूचीबद्ध करने पर सहमत

Update: 2024-02-05 12:12 GMT

सुप्रीम कोर्ट सोमवार (5 फरवरी) को शिवसेना के सदस्य (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) द्वारा दायर याचिका सूचीबद्ध करने पर सहमत हो गया। उक्त याचिका में दसवीं अनुसूची के तहत शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के विधायकों को अयोग्य ठहराने के महाराष्ट्र स्पीकर के इनकार को चुनौती दी गई।

याचिकाकर्ता सुनील प्रभु की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि याचिका आज (सोमवार) सूचीबद्ध नहीं की गई, हालांकि इस पर आज सुनवाई होनी थी। कोर्ट ने 22 जनवरी को याचिका पर नोटिस जारी करते हुए मामले की तारीख 5 फरवरी (सोमवार) तय की थी।

इसके बाद सीजेआई चंद्रचूड़ मामले को सूचीबद्ध करने पर सहमत हुए।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने 22 जनवरी को दो सप्ताह के भीतर वापसी योग्य नोटिस जारी किया था।

अनुच्छेद 136 के तहत विशेष अनुमति याचिका यूबीटी सदस्य सुनील प्रभु द्वारा दायर की गई है, जिसमें महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर द्वारा पारित दिनांक 10.01.2024 के आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें एक दूसरे के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट द्वारा दायर अयोग्यता याचिकाओं को खारिज कर दिया गया।

स्पीकर राहुल नार्वेकर ने शिंदे और ठाकरे दोनों गुटों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं को खारिज कर दिया। स्पीकर ने माना कि शिंदे गुट इस आधार पर 'असली' शिवसेना है कि जून 2022 में जब प्रतिद्वंद्वी गुट उभरे तो उनके पास विधायी बहुमत (विधायकों का बहुमत) था। स्पीकर ने शिंदे द्वारा नियुक्त व्हिप को भी आधिकारिक व्हिप के रूप में मान्यता दी। शिवसेना पार्टी की ओर से कहा गया कि शिंदे समूह के विधायकों द्वारा व्हिप का कोई उल्लंघन नहीं किया गया।

उद्धव सेना ने चुनौती दी कि स्पीकर का फैसला 'विधायक दल' की अवधारणा को 'राजनीतिक दल' के साथ जोड़कर सुभाष देसाई बनाम महाराष्ट्र के राज्यपाल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन करता है।

गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे समूह ने उद्धव ठाकरे गुट को अयोग्य ठहराने के स्पीकर के इनकार को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। तीन हफ्ते पहले शिंदे गुट की याचिका पर हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया था।

केस टाइटल: सुनील प्रभु बनाम एकनाथ शिंदे एसएलपी (सी) नंबर 1644-1662/2024

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