दो से अधिक बच्चे वाले उम्मीदवार को सरकारी नौकरी से अयोग्य ठहराने का नियम संविधान का उल्लंघन नहीं: सुप्रीम कोर्ट

Update: 2024-02-29 08:46 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने दो से अधिक बच्चे होने पर उम्मीदवार को पुलिस कांस्टेबल पद पर आवेदन करने से अयोग्य घोषित करने के राजस्थान सरकार का फैसला बरकरार रखा।

न्यायालय ने माना कि राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 का नियम 24(4), जो यह प्रावधान करता है कि "कोई भी उम्मीदवार सेवा में नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा, जिसके 01.06.2002 को या उसके बाद दो से अधिक बच्चे हैं" गैर-भेदभावपूर्ण है और संविधान का उल्लंघन नहीं करता।

जस्टिस सूर्या कांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने जावेद और अन्य बनाम हरियाणा राज्य और अन्य (2003) पर भरोसा करते हुए कहा,

"इस न्यायालय ने माना कि वर्गीकरण, जो दो से अधिक जीवित बच्चे होने पर उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करता है, गैर-भेदभावपूर्ण और संविधान के दायरे से बाहर है, क्योंकि प्रावधान के पीछे का उद्देश्य परिवार नियोजन को बढ़ावा देना है।"

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले की पुष्टि की, जिसने पूर्व सैनिक (रक्षा सेवाओं से सेवानिवृत्त) की याचिका खारिज कर दी, जिन्होंने राजस्थान राज्य में पुलिस कांस्टेबल की नौकरी के लिए आवेदन किया।

यहां अभ्यर्थी की उम्मीदवारी को राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 के नियम 24(4) के आलोक में इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि चूंकि उसके 01.06.2002 के बाद दो से अधिक बच्चे है।

हाईकोर्ट ने अपीलकर्ता के दावे को इस आधार पर खारिज किया कि विषय-नियम, जिसके तहत अपीलकर्ता को अयोग्य ठहराया गया, नीति के दायरे में आता है और न्यायालय द्वारा किसी भी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।

हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ उम्मीदवार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सिविल अपील दायर की।

सुप्रीम कोर्ट ने जावेद और अन्य बनाम हरियाणा राज्य और अन्य, (2003) 8 एससीसी 369 में अपने पहले के फैसले का जिक्र करते हुए कहा, जहां कुछ इसी तरह का प्रावधान, जिसे पंचायत चुनाव लड़ने के लिए पात्रता शर्त के रूप में पेश किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने अभ्यर्थी की इस दलील खारिज किया कि पूर्व सैनिकों के समायोजन के संबंध में ऐसे नियम हैं, जहां दो से अधिक बच्चे न होने की शर्त निर्दिष्ट नहीं की गई।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा,

“इसे सही मानते हुए हमारा विचार है कि ऐसी याचिका अपीलकर्ता के मामले को आगे नहीं बढ़ाती है। यह निर्विवाद है कि अपीलकर्ता ने राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती के लिए आवेदन किया और ऐसी भर्ती राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 द्वारा शासित होती है। इन 1989 नियमों को विशेष रूप से संलग्न अनुसूची के 2001 नियम क्रम नंबर 104 पर सूचीबद्ध किया गया।”

इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट को हाईकोर्ट द्वारा अपनाए गए दृष्टिकोण में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं मिला।

तदनुसार अपील खारिज कर दी गई।

केस टाइटल: रामजी लाल जाट बनाम राजस्थान राज्य और अन्य, सिविल अपील नंबर 2744 2024

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