IIT-JEE : सुप्रीम कोर्ट ने JEE(Advanced) के लिए प्रयासों में कटौती की समीक्षा करने से किया इनकार

Update: 2025-01-10 08:02 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE(Advanced)) के लिए प्रयासों की संख्या तीन से घटाकर दो करने के अधिकारियों के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार किया।

साथ ही कोर्ट ने 5 नवंबर, 2024 से 18 नवंबर, 2024 के बीच अपने पाठ्यक्रम छोड़ने वाले याचिकाकर्ताओं को परीक्षा में भाग लेने की अनुमति देकर राहत प्रदान की।

कोर्ट ने JEE(Advanced) के लिए प्रयास की सीमा तीन से घटाकर दो करने के अधिकारियों के फैसले को चुनौती देने वाले उम्मीदवारों द्वारा दायर रिट याचिका में यह आदेश पारित किया। 5 नवंबर, 2024 को संयुक्त प्रवेश बोर्ड (JAB) ने घोषणा की कि JEE(Advanced) के लिए तीन प्रयास दिए जाएंगे। हालांकि, दो सप्ताह के भीतर, 18 नवंबर, 2024 को JAB ने निर्णय को पलट दिया और कहा कि केवल दो प्रयास दिए जाएंगे।

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कुछ याचिकाकर्ताओं ने कहा कि 5 नवंबर के फैसले के बाद उन्होंने अपने इंजीनियरिंग कोर्स छोड़ दिए, जिससे प्रयासों की संख्या तीन हो गई।

सीनियर एडवोकेट के परमेस्वर और एडवोकेट अनंदिता मित्रा द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि फैसले को पलटने से उन्हें अपूरणीय क्षति हुई।

इस पर विचार करते हुए जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने आदेश दिया:

"5 नवंबर, 2024 की प्रेस रिलीज में स्टूडेंट से स्पष्ट वादा किया गया कि जो स्टूडेंट 2023, 2024 और 2025 में कक्षा 12 की परीक्षा में शामिल हुए थे, वे JEE(Advanced) के लिए उपस्थित होने के पात्र होंगे। यदि उक्त अभ्यावेदन पर कार्य करने वाले स्टूडेंट इस समझ के साथ अपने कोर्स से बाहर हो गए हैं कि वे JEE के लिए उपस्थित होने के हकदार होंगे तो 18 नवंबर, 2024 को वादा वापस लेना उनके लिए हानिकारक नहीं हो सकता। विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों में JAB द्वारा लिए गए निर्णय के गुण-दोष पर कुछ भी देखे बिना ऐसे स्टूडेंट जो 5 नवंबर, 2024 और 18 नवंबर, 2024 के बीच अपने कोर्स से बाहर हो गए हैं और पढ़ाई छोड़ दी, उन्हें JEE(Advanced) के लिए रजिस्ट्रेशन करने की अनुमति दी जाएगी। उपरोक्त निर्देश के साथ याचिका का निपटारा किया गया।"

साथ ही खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि वह सॉलिसिटर जनरल की दलील पर विचार करते हुए प्रयासों को कम करने में अधिकारियों की समझदारी पर सवाल नहीं उठा रही है कि यह निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया कि स्टूडेंट केवल JEE में प्रयास करने के बजाय अपने ग्रेजुएट कोर्ट पर ध्यान केंद्रित करें।

"हम प्रतिवादी नंबर 2 (JAB) की समझदारी पर विचार नहीं कर रहे हैं कि विचार के क्षेत्र को दो साल या तीन साल तक सीमित रखा जाए। वैध कारणों से यदि प्रतिवादी नंबर 2 केवल दो साल तक सीमित रखता है तो इसमें कोई दोष नहीं पाया जा सकता।"

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले नवंबर में बोर्ड ने JEE(Advanced) के लिए प्रयास सीमा को बढ़ाकर तीन कर दिया। हालांकि, कुछ ही हफ्तों के भीतर बोर्ड ने निर्णय वापस ले लिया और दो-प्रयास नीति को फिर से लागू कर दिया गया।

18 नवंबर, 2024 को बोर्ड ने प्रेस रिलीज जारी की, जिसमें कहा गया:

"संयुक्त प्रवेश बोर्ड (JAB) ने 05 नवंबर, 2024 की प्रेस रिलीज में उल्लिखित मानदंड के स्थान पर JEE(Advanced) में प्रयासों की संख्या से संबंधित पिछले वर्षों में उपयोग किए गए पहले के पात्रता मानदंड को बहाल करने का निर्णय लिया। 15 नवंबर, 2024 को आयोजित JAB की बैठक में विभिन्न प्रतिस्पर्धी आवश्यकताओं पर विचार करने के बाद ऐसा किया गया। इसके परिणामस्वरूप 2013 से चली आ रही पहले की पात्रता मानदंड को बहाल किया गया। अन्य सभी पात्रता मानदंड समान रहेंगे।"

याचिकाकर्ता मांग कर रहे हैं कि JEE(Advanced) में शामिल होने के लिए तीन प्रयास देने के बोर्ड के पहले के फैसले को बहाल किया जाना चाहिए।

सीनियर एडवोकेट के. परमेश्वर ने प्रस्तुत किया कि शुरू में तीन प्रयासों की अनुमति देने का निर्णय लिया गया, लेकिन तेरह दिनों के भीतर इसे रद्द कर दिया गया, जो मनमाना है।

उन्होंने कहा,

"5 नवंबर को JAB ने कहा कि जो स्टूडेंट 2023, 2024 और 2025 में ग्रेजुएट कर रहे हैं, वे परीक्षा देने के पात्र हैं। 13 दिन बाद पात्रता को घटाकर 2024 में परीक्षा देने वाले और 2025 में उत्तीर्ण होने वाले स्टूडेंट तक सीमित कर दिया गया। 5 नवंबर को वादा करने के बाद हमें अवसर क्यों नहीं दिया गया? वे अगले साल जो चाहें कर सकते हैं।"

उन्होंने कहा कि पहले निर्णय के बाद कई स्टूडेंट ने JEE(Advanced) करने के लिए इंजीनियरिंग कॉलेजों को छोड़ दिया था। निर्णय तत्काल रद्द करने के परिणामस्वरूप "अपरिवर्तनीय परिणाम" हुए हैं।

परमेश्वर ने कहा,

"5 नवंबर को आपने वादा किया कि आप पात्र होंगे। हमने उसके आधार पर ऐसे निर्णय लिए हैं, जो अपरिवर्तनीय हैं।"

उन्होंने कहा कि जब RTI आवेदन दायर किए गए तो अधिकारी निर्णय के कारणों को बताने में विफल रहे।

JAB के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पहले JEE के लिए केवल दो प्रयास दिए गए। बाद में तीन प्रयासों की अनुमति देने का निर्णय लिया गया। हालांकि, यह पाया गया कि नियमित इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट अपने बी.टेक कोर्स पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय JEE एडमिशन परीक्षाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे। इसलिए प्रयासों को दो तक कम करने का यह निर्णय लिया गया।

एसजी ने कहा,

"दो साल बाद कम से कम अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें और IIT पर ध्यान देना बंद करें। यह केवल स्टूडेंट के हित में लिया गया निर्णय है। यह एक शुद्ध नीतिगत निर्णय है। अन्यथा कोई भी इंजीनियरिंग कोर्स पर ध्यान केंद्रित नहीं करता है।"

खंडपीठ ने कहा कि वह निर्णय के गुण-दोष पर विचार नहीं करेगी, लेकिन उक्त तिथियों के बीच परीक्षा छोड़ चुके स्टूडेंट को प्रोमिसरी एस्टॉपेल के आधार पर परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देगी।

केस टाइटल: मिथिन मोंडल एवं अन्य बनाम भारत संघ एवं अन्य, डब्ल्यू.पी.(सी) नंबर 854/2024 और अर्नव बनाम भारत संघ एवं अन्य, डब्ल्यू.पी.(सी) नंबर 17/2025

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