CLAT UG 2025 संशोधित रिजल्ट आज शाम जारी करने को तैयार: सुप्रीम कोर्ट को NLU कंसोर्टियम ने दी जानकारी
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज़ (NLU) के कंसोर्टियम ने आज (16 मई) सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वे CLAT-UG 2025 के संशोधित परिणाम आज शाम तक जारी करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
वे 7 मई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित अंतिम आदेश के अपलोड होने का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें उत्तर कुंजी में हुई कुछ गलतियों को सुधारने का निर्देश दिया गया।
चीफ जस्टिस बी.आर. गवई ने जब कहा कि 7 मई का आदेश आज ही अपलोड कर दिया जाएगा तो कंसोर्टियम के वकील ने कहा कि आदेश अपलोड होते ही दो घंटे के भीतर परिणाम जारी किए जा सकते हैं।
चीफ जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस ए.जी. मसीह की पीठ CLAT अभ्यर्थी हार्दिक गर्ग की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने CLAT 2025 परीक्षा को चुनौती दी।
कंसोर्टियम की ओर से वकील अरुण श्री कुमार ने बताया कि याचिकाकर्ता को पहले ही सुप्रीम कोर्ट का रुख करना चाहिए था, क्योंकि कंसोर्टियम ने अपनी वेबसाइट पर पहले ही सूचित कर दिया कि CLAT-UG का रिजल्ट सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
7 मई को इसकी सुनवाई होनी है। 7 मई को सुप्रीम कोर्ट ने कुछ सवालों को हटाने और कुछ उत्तरों के लिए अंक देने का निर्देश दिया था।
उन्होंने बताया कि इस आदेश की लिखित प्रति अब तक अपलोड नहीं हुई।
अरुण कुमार ने कहा,
"हम सिर्फ अंतिम आदेश का इंतजार कर रहे हैं, आदेश मिलते ही दो घंटे के भीतर हम परिणाम जारी कर देंगे। हमने मौखिक निर्देश के आधार पर वेंडर को निर्देश दे दिए।
इस पर CJI ने कहा कि आदेश आज ही अपलोड कर दिया जाएगा। वकील ने उत्तर दिया फिर हम आज शाम तक परिणाम जारी कर देंगे।
CJI ने यह भी जानकारी दी कि आदेश पर एक दिन पहले ही हस्ताक्षर हो चुके हैं और अब उसे तुरंत अपलोड कर दिया जाएगा।
जहां तक याचिका की बात है, सुप्रीम कोर्ट ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि यह सिलसिला ऐसे नहीं चल सकता।
मामला
1 दिसंबर 2024 को आयोजित CLAT परीक्षा में कई सवालों को लेकर विवाद हुआ।
दिसंबर, 2024 में दिल्ली हाईकोर्ट के एकल पीठ ने दो उत्तरों को गलत पाया और कंसोर्टियम को याचिकाकर्ताओं का परिणाम संशोधित करने का निर्देश दिया।
कंसोर्टियम ने इस आदेश के खिलाफ डिवीजन बेंच में अपील की।
23 अप्रैल, 2025 को चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने कुछ संशोधन करने का आदेश दिया।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई को हाईकोर्ट का आदेश रद्द कर कुछ अन्य संशोधन के निर्देश दिए।
टाइटल: हार्दिक गर्ग बनाम नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज़ कंसोर्टियम व अन्य | विशेष अनुमति याचिका (SLP)(C) संख्या 14210/2025